मजहबी विवाद में फंसे जाफर ने कई शानदार पारियां खेलकर क्रिकेट के गौरव को बढ़ाया. वसीम जाफर की आज ऐसी ही एक शानदार पारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से जाफर क्रिकेट के परिपक्व बल्लेबाज कहे जाने लगे. आपको बता दें जाफर ने 1996-97 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यु किया.
दूसरे ही मैच में उन्होंने तिहरा शतक जड़ दिया. 2000 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा. उसके बाद 31 मैचों में उन्होंने 1944 रन बनाए. इसमें 5 शतक और 11 अर्धशतक शामिल थे. हालांकि बाद में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. मुंबई और सौराष्ट्र के बीच 3 जनवरी 2009 को खेले गये मैच में मुंबई की तरफ से खेलते हुए वसीम जाफर ने 459 गेंद पर 27 चौके लगाते हुए 301 रन की पारी खेली थी.
हालंकि टीमों के मध्य खेला गया यह मुकाबला ड्रा रहा था. 2002 में वह वेस्ट इंडीज टूर पर फिर से टीम में शामिल हुए. हालांकि जल्द ही वह फिर बाहर हो गए. 2005 में उन्हें श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में फिर बुलाया गया. इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने एक मैच में शतक लगाया और 2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने दोहरा शतक बनाया.
Vidarbha celebrate after clinching the @paytm #RanjiTrophy 2017-18 with a nine-wicket win over Delhi #Final #DELvVID pic.twitter.com/UEes6Xb7YS
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) January 1, 2018
इसके बाद गौतम गंभीर ने उनकी जगह टेस्ट टीम में ले ली. उनकी कप्तानी में मुंबई टीम ने दो रणजी खिताब अपने नाम किए. जाफर ने अपनी टीम को 2017-18 में रणजी ट्रॉफी का फाइनल जिताया था.