सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बाबरी मस्जिद के बदले धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ की जमीन पर धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद को आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने ‘मस्जिद-ए-ज़ीरार’ करार देते हुए इस मस्जिद में नमाज पढ़ना भी हराम बताया है।

हैदराबाद के किंगमेकर बने ओवैसी, लोकल मैच में AIMIM का सबसे तूफानी स्ट्राइक रेट - ghmc elections results asaduddin owaisi AIMIM Kingmaker strike rate - AajTakबीदर की एक रैली में उन्होने कहा कि यह मस्जिद मुनाफिकों की मस्जिद है। इस मस्जिद में न केवल चंदा देना बल्कि न,माज पढ़ना भी हराम है। उन्होने बताया कि इ,स्लाम के सभी फिरकों के उलेमाओं ने इस मस्जिद में न,माज पढ़ने को हराम करार दिया है।

उन्होने ट्वीट किया, मुनाफ़िक़ों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीकत में वो मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-ज़ीरार’ है। मुह,म्मदुर रसूलु,ल्लाह (PBUH) के ज़माने में मुनाफ़िक़ों ने मुसलमानों की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद बनवाई थी, हकीकत में उसका मक़सद उस मस्जिद में नबी (PBUH) का खात्मा और इ,स्लाम को नुकसान पहुँचाना था, (क़ु-रान में उसे ‘मस्जिद -ए- ज़ी-रार’ कहा गया है) ऐसी मस्जिद में नमाज़ पढ़ना और चंदा देना हराम है।

बता दें कि अयोध्या जिले के धनीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का गणतंत्र दिवस के दिन ध्वाजारोहण के बाद सांकेतिक रूप से शिलान्यास कर दिया गया। इस दौरान उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष जुफर जुफर फारूकी व अन्य सदस्यों ने सबसे पहले पौधरोपण भी किया।

Ayodhya Masjid Design Issued By IIFC - अयोध्या में मस्जिद का खूबसूरत डिजाइन हुआ जारी, बैठक में लिए गए कई फैसले, इतने समय में होगी तैयार | Patrika Newsसुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने इस मस्जिद का नाम स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर रखने की तैयारी की है। फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर पहले मस्जिद की जमीन पर ध्वजारोहण किया गया। राष्ट्रगान के बाद पांच एकड़ जमीन पर वृक्षारोपण के साथ मस्जिद का शिलान्यास किया गया है।

(साभार)

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