पंजाब एवं हरियाणा HC ने साफ कर दिया कि एक मु,स्लिम व्यक्ति अपनी पहली पत्नी को त,लाक दिए बिना एक से अधिक बार यानी दूसरी शादी कर सकता है, लेकिन मु,स्लिम महिला पर यह नि,यम ला,गू नहीं होगा. इसी तरह अगर किसी मु,स्लिम महिला को भी दूसरी शादी करनी हो तो उसे मु,स्लिम प,र्सनल ला या फिर मु,स्लिम वि,वाह अ,धिनियम 1939 के त,हत अपने पहले पति से त,लाक लेना पड़ेगा.
मेवात के मामले में आया फैसला
HC की ज,स्टिस अलका सरीन ने यह फैसला मेवात के एक मु,स्लिम प्रे,मी जो,ड़े की सु,रक्षा की मांग की या,चिका पर सु,नवाई करते हुए सुनाया. प्रे,मी जो,ड़े ने बताया कि वे दोनों पूर्व में वि,वाहित हैं. मु,स्लिम महिला का आ,रोप था कि उसकी शादी उसकी इ,च्छा के खि,लाफ की गई थी, इसलिए अब वह अपने प्रे,मी से शादी कर रह रही है.
HC ने कहा गै,र का,नूनी है शादी
HC बें,च ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाते हुए कहा इस मामले में महिला ने अपने पहले पति से त,लाक नहीं लिया है. ऐसे में HC उन्हें कैसे क,पल मानकर सु,रक्षा का आदेश दे सकता है. HC ने कहा कि यह क,पल का,नूनी तौर पर वि,वाह के आधार पर सु,रक्षा की मांग नहीं कर सकता.
सु,रक्षा के लिए पु,लिस के पास जाने की सलाह
इस मामले में दोनों के प,रिजनों ने जा,न से मा,रने की ध,मकी भी दी थी इसलिए HC ने कहा कि दोनों याची अपनी सु,रक्षा के लिए अब संबंधित जिले के ए,सपी से संपर्क कर सकते हैं, जो जीवन के लिए किसी भी ख,तरे के मामले में लोगों के जीवन और स्व,तंत्रता की र,क्षा करने के लिए बा,ध्य हैं.
दु,श्मन बने परिवार वाले
इस जोड़े ने HC को बताया था कि दोनों के पा,रिवारिक सदस्य उनकी शादी के खि,लाफ हैं. वहीं उन्हें प्रा,पर्टी से भी बे,दखल करने की ध,मकी दी गई है. इस के,स की सुनवाई के दौरान प्रे,मी जो,ड़े के व,कील ने HC को बताया कि प्रे,मी जो,ड़ा मु,स्लिम है और मु,स्लिम ध,र्म के अनुसार उन्हें एक से ज्यादा वि,वाह करने की छूट है. इस पर बें,च ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस जो,ड़े की शादी गै,र का,नूनी है, क्योंकि एक मु,स्लिम व्यक्ति अपनी पहली पत्नी को त,लाक दिए बिना एक से अधिक बार शादी कर सकता है, लेकिन अगर एक मु,स्लिम महिला को दूसरी शादी करनी है तो उसे अपने पहले पति से त,लाक लेना पड़ेगा.
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