सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शाहिद आज़मी की साल 2010 में ह,त्या कर दी गई थी. 11,फरवरी को कानून और सा,म्प्रदयिक स,दभाव का खू,न करने वालों ने शाहिद आज़मी को श,हीद कर दिया था । शाहिद आ,तंकवाद के नाम पर फं,साए जा रहे बेकसूर मु,स्लिम युवकों के मु,कदमें देखते थे और कई बार उन ता,कतों के मं,सूबों का खा.क में मिला दिया था जिनकी सा,ज़िश की वजह से सैकड़ों मु,स्लिम नौजवानों को स,लाखों के पीछे डाल दिया गया था।

Image result for शाहिद आजमीशाहिद ने बे,कसूर युवकों की का,नूनी लड़ाई को अपनी ज़िन्दगी का मकसद बना लिया था। एलएलएम करने के बाद उनके मामू उन्हें एक मशहूर के व,कील के पास लेकर गये ताकि उनका भांजा अच्छा प्रशिक्षण लेकर खूब पैसा कमाए लेकिन आज़मी का इरादा कुछ और था। इस रास्ते पर चलने में आने वाले सम्भावित ख,तरों से भी शायद वह वाकिफ थे। इसीलिए उनकी मां जब उनसे शादी करने की बात करतीं तो वह मुस्करा कर टाल देते थे।
शाहिद आज़मी मूल रूप से आज़मगढ़ के इब्राहीमपुर गांव का रहने वाले थे। उनके पिता अनीस अहमद पत्नी रेहाना अनीस के साथ मुम्बई के देवनार क्षेत्र में रहकर अपनी अजीविका कमाते थे। बचपन में ही पिता अनीस अहमद का दे,हान्त हो गया। शाहिद आज़मी ने पंद्रह साल की आयु में दसवीं की परीक्षा दी। अभी नतीजे भी नहीं आए थे कि कुछ राजनितिज्ञों को क,त्ल करने की सा,जिश के आ,रोप में उन्हें टाडा के तहत गि,रफतार कर लिया गया।

Image result for शाहिद आजमीजे,ल में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और कानून की डिग्री हासिल की। उन्हें पांच साल की स,जा भी हुई परन्तु बाद में सु,प्रीम को,र्ट से ब,री हो गए। जे,ल से रि,हा होने के बाद एक साल का पत्रकारिता का कोर्स करने साथ ही एलएलएम भी किया। कुछ समय एडवोकेट मजीद मेमन के साथ रहने के बाद अपनी प्रेक्टिस करने लगे। शाहिद आज़मी का नाम उस वक्त उभर कर सामने आया जब उन्होंने 2002 के घाटकोपर बस ध,माका, मुम्बई के 18 आ,रोपियों में से 9 को डि,स्चार्ज करवा लिया बाद में बाकी 8 आ,रोपियों को भी अपर्याप्त सा,क्ष्यों के कारण टाडा अ,दालत ने ब,री कर दिया। इस घ,टना के एक आ,रोपी ख्वाजा यूनुस की पु,लिस हि,रासत में ही ह,त्या कर दी गई थी।

Image result for शाहिद आजमीशाहिद आज़मी 11, जूलाई 2006, मुम्बई लोकल ट्रेन ध,माका, मालेगांव क,बरस्तान वि,स्फोट और औरंगाबाद अ,सलेहा के,स के आ,रोपियों के व,कील थे। यही वह जमाना था जब देश में एक सा,म्प्रदायिक-फा,सावादी श,क्तियों द्वारा यह स,घन अभियान चलाया जा रहा था कि कोई अ,धिवक्ता आ,तंकवादियों का मुक,दमा नहीं देखेगा। इस समय तक आ,तंकवादी होने का अर्थ होता था मु,सलमान होना। देश के कई भागों में ऐसे अ,धिवक्ताओं पर हिं,सक ह,मले भी हुए थे।

Image result for शाहिद आजमीबेंगलुरू में सैयद कासिम को श,हीद भी कर दिया गया था। ऐसे वातावरण में यह सा,हसी नौ,जवान महाराष्ट्र के बाहर बंगाल समेत देश के कई भागों में जाकर अपनी का,नूनी मदद देता रहा। अपनी श,हादत से कुछ दिनों पहले ही बहुत ग,म्भीर मुद्रा में अपने परिजनों और मित्रों से शाहिद ने कहा था कि वह एक ऐसी योजना पर काम शुरू करने जा रहा है जिसके नतीजे में बे,कसूरों पर हाथ डालने से पहले एजेंसियों को सौ बार सोचना पड़ेगा।
2006 और 2007 के बीच एडवोकेट शाहिद आज़मी को अ,ज्ञात लोगों की तरफ से ध,मकी के फोन मिले थे। उन्होंने स्थानीय पु,लिस में इसकी शि,कायत द,र्ज करवाई थी। उन्हें से,क्योरिटी भी दी गई थी लेकिन कुछ ही दिनों बाद वापस ले लिया गया। 26, नवम्बर 2008 के मुम्बई पर हुए आ,तंकी ह,मले में जब पहले से ही जे,ल में बन्द फहीम अंसारी और सबीहुद्दीन अंसारी को घ,सीटा गया तो शाहिद आजमी उनके व,कील हुए। इस ह,मले के पा,किस्तानी अ,भियुक्त अजमल क,साब के व,कील के पी पवार को ज़े,ड श्रेणी की सु,रक्षा दी गई परन्तु इसी मु,कदमें से जुडे़ दूसरे अ,धिवक्ताओं की सु,रक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई।

Image result for शाहिद आजमीशाहिद आज़मी कमेटी फार प्रो,टेक्षन आफ डे,माक्रेटिक राइ,ट्स (सीडीपीआर) सदस्य होने के साथ ही इंडियन असो,सिएशन आफ पी,पुल्स लाएर से भी जुड़े हुए थे। शाहिद आज़मी खुश मिज़ाज स्वभाव का था। यही कारण था कि उनके वि,रोधी भी उनका सम्मान करते थे। मुम्बई की सरकारी वकील रोहिनी जो कई मु,कदमों में शाहिद के खि,लाफ वकील थीं, ने इसकी कड़े शब्दों में नि,न्दा करते हुए अपनी सं,वेदना व्यक्त की थी। शाहिद नहीं रहा, पर देश में वो युवाओं का एक आइकन है. अक्सर हां युवा मिलते हैं जो कहते हैं की हम शाहिद बनना चाहते हैं.
(सियासत से साभार)