पूर्व भारतीय बल्लेबाज वसीम जाफर के उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा देने के बाद इस खेल में ध,र्म और आ,स्था के आने से वि,वाद हो गया है। अब टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने इस पर अपनी राय रखी है। कैफ ने इंडियन एक्सप्रेस में अपने एक कॉलम में पुरानी बातों को भी साझा किया है।

Image result for वसीम जाफर कैफकैफ ने साथ ही बताया कि किस तरह दिग्गज सचिन तेंडुलकर अपने किट बैग में साई बाबा की तस्वीर रखते थे और जहीर खान भी अपनी आ,स्था के अनुरूप चीजें रखते थे लेकिन कभी किसी ने कोई वि,वाद नहीं किया। उन्होंने सवाल किया कि इस महान खेल में ध,र्म कब से आ गया।
उन्होंने साथ ही कहा कि वसीम जाफर के साथ उनकी धा,र्मिक पहचान को लेकर जो भी कुछ हो रहा है, वह बेहद खराब है। कैफ ने लिखा, खेल में ध,र्म कब से आ गया? मैं यूपी के लिए अलग-अलग टीमों से खेला, भारत के लिए अलग-अलग जोन की टीमों का प्रतिनिधित्व किया, इंग्लैंड के क्लब और काउंटी से खेला लेकिन कभी मुझे अपने ध,र्म को लेकर कुछ कहा नहीं किया गया।

Image result for वसीम जाफर कैफउन्होंने आगे लिखा, मैंने रनों की कमी के बारे में चिंता की अपनी टीम के साथियों को बु,रे दौर और फॉर्म से उबरने के लिए प्रेरित किया और सोचा कि मुकाबला कैसे जीतें। कभी भी मैं यह सोचकर सोने नहीं गया कि एक टीम साथी मेरे ध,र्म के बारे में क्या सोचता है।

Image result for मो कैफकैफ ने लिखा, मुझे याद है कि सचिन अपने क्रिकेट किट बैग में अपने आ,राध्य सा,ईं बा,बा की तस्वीर रखते थे। वीवीएस लक्षमण अपने भ,गवान की रखते थे। जहीर खान, हरभजन सिंह अपनी-अपनी आ,स्था के अनुरूप चीजें करते थे। सौरव गांगुली हो या जॉ,न रा,ईट,हम सभी अलग-अलग परिवेश,भाषा,ध,र्म के थे लेकिन हम आपस में कभी इन चीजों के बीच ना मनभेद ना म,तभेद करते थे। हम हिं,दू-मु,स्लिम सि,ख या इ,साई नहीं थे। हम सभी एक साथ,एक देश के लिए एकजुट होकर खेलते थे।

Image result for वसीम जाफरउन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए लिखा, हॉस्टल के दिनों में छोटे-छोटे कमरों में हम 5 लोग रहते थे। भुवन चंद्र हरबोला का कमरा मेरे सामने ही था। हर सुबह उनके कमरे में जलने वाली अगरबत्ती की खुशबू मेरे कमरे में महकती तो मैं भी अपने कमरे में न,माज पढ़ता। रोज ह,नुमान चा,लीसा पढ़ने की आवाजें सुनता। मैं प्रफेशनल क्रिकेटर बना और वह एक पु,लिसक,र्मी लेकिन अपनी दोस्ती बरकरार रही।

Image result for वसीम जाफर40 वर्षीय कैफ ने लिखा, ‘मैं इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से आता हूं मेरा घर पंडितों की एक कॉलोनी के काफी करीब था, जहां मुझे इस महान खेल से प्यार हुआ। हम एक-साथ खेले। यह सुंदर खेल समावेशी है जहां हर जा,ति, हर आर्थिक पृ,ष्ठभूमि और विश्वासों के लोग एक साथ आते हैं।

(साभार)