पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. साल 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप के ऐतिहासिक मैच के साथ पर्दापण करने वाले यूसुफ दो बार विश्वकप विजेता टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं. एक बेहद गरीब परिवार में जन्में यूसुफ ने भारत के लिए 57 वनडे और 22 टी-20 मैच खेले हैं. आईपीएल में उन्होने 174 मुकाबले खेले हैं. यूसुफ पठान को एक विस्फोटक ब्ल्लेबाज के रूप में आईडेंटिफाइ किया जाता है उन्होने इंटरनेशनल और आईपीएल में कई यादगार पारियां खेली हैं.
यूसुफ पठान का जन्म वडोदरा में एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता मस्जिद में रहा करते थे। मस्जिद के प्रांगण में ही यूसुफ अपने भाई इरफान पठान के साथ क्रिकेट की प्रैक्टिस किया करते थे। गरीबी ऐसी थी कि यूसुफ के घर पर टॉयलेट तक नहीं बना था। इरफान और यूसुफ एक बार कपिल शर्मा के शो पर गए थे। वहां उन्होंने अपने बारे में विस्तार से बताया था। इरफान की तुलना में यूसुफ कम बात करते हैं। इरफान ने बताया था, ‘‘उन्होंने वो समय भी देखा है कि परिवार के लोग तीन दिन तक एक ही खाना खाते थे।’’
इरफान ने आगे कहा, ‘‘हमने अपनी जिंदगी में ऐसे पल देखे हैं जो काफी मुश्किल थे। पैसों की तंगी भी देखी है। कई बार दो-तीन दिन का खाना एक साथ बनता था। वालिद (पिता) ने हमें हमेशा संभाला। गरीबी के बावजूद वो हमें खुश रखते थे और हमारा करियर बनाया।’’ इरफान के पिता ने कहा था, ‘‘पहले तो लोग हमें पूछते नहीं थे। हम मस्जिद में अल्लाह की खिदमत करते थे। लोग सिर्फ बातें बनाते थे। मस्जिद की दुआ से दोनों बच्चे देश के लिए खेलने लगे। फिर लोग हमसे हाल-चाल पूछने लगे।