फर्रुखाबाद। म’जहब-ए-इ’स्लाम में तेजी से सा’माजिक बु’राइयां बढ़ रहीं हैं। इसी का न’तीजा है कि गुजरात में एक बेटी ने द’हेज की मांग से परेशान होकर आ’त्म’घा’ती कदम उठा लिया। देशभर में इस बेटी का मा’र्मि’क वीडियो जारी होने के बाद इ’स्लाम के ध’र्मगुरुओं ने बड़ा फैसला किया है। बरेली की द’रगाह आ’ला ह’जरत के स’ज्जादानशीन अहसन मियां ने देश भर के मौ’लाना व काजी से शादियों में बैंडबाजे, ढोल, ताशे, आ’तिशबाजी और द’हेज प्र’था रोकने की अपील की। इ’स्लाम में यह सब ह’राम है। इसी के बाद शहर के मौ’लानाओं ने द’हेज मांगने वालों का नि’काह न पढ़ने का एलान कर दिया है।

Muslim Not Registering Marriage In Registrar's Office Yogi Government - ऐसा क्या हुआ कि योगी सरकार में मुस्लिमों को निकाह नहीं 'कबूल' | Patrika Newsम’स्जिदों में द’हेज के खि’लाफ त’करीर
फर्रुखाबाद। मोहल्ला खटकपुरा की म’दीना म’स्जिद, भीकमपुरा की दुकानों वाली म’स्जिद, चीनीग्रान की रहमानी समेत अधिकांश म’स्जिदों में जु’मे की न’माज के बाद मौ’लानाओं ने त’क’रीर की। उन्होंने कहा कि श’रीयत की बात को हर हाल मानें। यदि कोई व्य’क्ति नि’काह में द’हेज लेता और देता है, तो वह ह’राम है। उन्होंने कु’री’तियों से दूर रहने के लिए कहा।

मुस्लिम समाज में शादी ko को माना जाता है धार्मिक समझौता, कारण है ये?शहर का’जी सैयद का’जी मुताहिर अली ने कहा कि वह द’हेज मांगने वालों का नि’काह नहीं पढ़ाएंगे। खड़े होकर खाना खिलाने वालों का भी ब’हि’ष्कार करेंगे। इसकी मु’हिम शी’घ्र ही शुरू की जाएगी।
मौ’लाना शमशाद अहमद चतुर्वेदी ने कहा कि पै’गंबर-ए- इ’स्लाम में नि’काह, व’लीमा, द’हेज या खाना खाने का जो तरीका बताया है उसी को अपनाना चाहिए। द’हेज मांगना गलत है। ब’फर सि’स्टम भी सु’न्नत के खि’लाफ है।

मुस्लिमों की मुताह प्रथा, जिसमें अय्याशी के लिए कॉन्ट्रैक्ट शादी का सहारा लिया जाता है - All about Muslim traditions like Polygamy, Halala, Mutah Nikah and Nikah Misyarमौ’लाना मु’फ्ती जफर अहमद कासमी ने कहा कि द’हेज मांगने वालों का नि’काह ही नहीं पढ़ाया जाना चाहिए। शहर का’जी समेत कस्बों के का’जी द’हेज मांगने वालों और खड़े होकर खाना खिलाने वालों के यहां नि’काह नहीं पढ़ाएंगे।
मौ’लाना एजाज नूरी ने कहा कि पै’गंबर-ए-इ’स्लाम ने द’हेज मांगने और खड़े होकर खाना खाने वालों से स’ख्त ना’राजगी का इ’जहार किया है। इन बु’राइयों के खि’लाफ देशभर में एक मु’हिम चलाई जाए। इससे स’मा’ज में नई उ’म्मीद पैदा होगी।

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