उसके हाथों की अंगुलियों में चित्रकारी का ऐसा जादू है कि उसने पतली सी सुई पर 1060 अक्षरो की हनुमान चालीसा लिख दी,चावल के छोटे से दाने पर मक्का मदीना बना दिया। उसकी प्रतिभा का जादू यही भी नहीं थमा। उसने अपने हाथो की चित्रकारी से सरसो के छोटे से दाने पर ताज महल उकेर डाला, इससे भी छोटे तिल के दाने पर तो भारत का नक्शा ही बना डाला।

India TVअपने ही रिकॉर्ड को वो रोज़ तोड़ भी देता है उसने 3 MM की छोटी सी किताब पर दुर्गा चालीसा और बाल्मीकि ग्रन्थ लिख कर अदभुत नमूने पेश किये है। इस अनोखी प्रतिभा को अंजाम देने वाला मनोज बाल्मीकि उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर ज़िले के रुद्रपुर में रहता है। बचपन से कुछ करने के जुनून की वजह से आज वो कलम की चित्रकारी का जादूगर बन गया है। जो भी उसकी प्रतिभा देखता है चकित रह जाता है।

चावल के दाने पर मक्का...- India TV Hindiयह तो इसकी प्रतिभा की कुछ बानगियाँ है आप देखोगे तो चौक जाओगे। मनोज ने अंडे के अंदर भारत की तस्वीर और बल्व के अंदर ताज महल बना डाला। दिवगंत पूर्व राष्ट्रपति डा० एपीजे अब्दुल कलाम का चित्र भी बहुत ख़ूबसूरत बनाया। उनके सामने ही चावल के दाने पर ताज महल बना डाला था। मनोज की अनोखी चित्रकारी को देख कर दिवगंत पूर्व राष्ट्रपति डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम ने उसे सम्मानित करने के साथ ही उसकी प्रशंसा भी की थी। मनोज मशहूर चित्रकार एम ऍफ़ की प्रतिभा का कायल है,उनकी परछाई बंनने का सपना संजोये बैठा है। उसका कहना है कि अभी तो यह उसकी शुरुआत है देखते जाईयेअपनी चित्रकारी से कामयाबी के रंग बिखेरूँगा।

(साभार- इंडिया टीवी)