Kubra Dagli इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। हम अक्सर जब भी मु’स्लि’म कम्यूनिटी की महिलाओं कि बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में तस्वीर उभरती है एक ऐसी औरत की, जो या तो काले रंग के बुर्के से ढकी होती है, या फिर सिर पर हि’जा’ब लपेटे रहती है। हममें से अधिकतर लोग शायद यही सोचते हैं कि मुस्लिम महिलाएं केवल घर ही संभालती हैं। कुछ लकी हैं तो वो या तो डॉक्टर्स बन जाती हैं या फिर टीचर्स।.
लेकिन आज हम आपको एक ऐसी Hijabi Muslim Girl से रूबरू कराने वाले हैं, जो कोई सीधी-सादी House Wife नहीं, बल्कि एक बेहद घा’त’क और Martial Art में Expert Girl है। दुनिया इन्हें जानती है Hijabi Fighter Girl Kubra Dagli के नाम से।
कौन है Kubra Dagli?
इनका असली नाम है कुब्रा दगली। ये एक ताइक्वांडो खिलाड़ी हैं। इनकी उम्र है मात्र 24 साल, लेकिन इस उम्र में ही इन्होंने कई बडे़ कारनामे अपने नाम कर लिए हैं। कुब्रा तुर्की की रहने वाली हैं। दुनिया के दूसरे इस्लामिक देशों के मुकाबले तुर्की काफी आधूनिक है। यहां महिलाओं को भी काफी आज़ादियां मिली हुई हैं।
मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ी Kubra Dagli
तुर्की में महिलाओं को मिलने वाली आज़ादी का सीधा फायदा मिला कुब्रा दगली को। इन्होंने खुद को ताइक्वांडों की कठिन ट्रेनिंग के लिए तैयार किया और फिर साल 2016 में इन्होंने विश्व ताइक्वांडों चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी जीत लिया।
हालांकि जब कुब्रा ने ताइक्वांडों को एज़ ए करियर चुना था तो वो तुर्की के कुछ क’ट्ट’र’पं’थि’यों की आंखों में चुभने भी लगी थी। लेकिन सपनों को पूरा करने के कुब्रा के ज़ज्बे ने उन्हें किसी के आगे झुकने नहीं दिया।
नहीं होती हिजाब के परेशानी
कुब्रा बेशक आज एक मशहूर ताइक्वांडों खिलाड़ी बन चुकी हों, लेकिन वे अपनी संस्कृति से खुद को कभी भी दूर नहीं करती। कुब्रा एक सच्ची मु’स’ल’मा’न हैं और कहती हैं, कि उनका हिजाब उनके खेल में किसी भी तरह की बाधा नहीं पैदा करता है। हालांकि कुब्रा को ये बात भी पसंद नहीं आती जब दुनिया उनकी सफलताओं से ज़्यादा उनके हिजाब के बारे में बात करती है।
युवा मु’स्लि’म महिलाओं के लिए बनी रोल मॉडल
कुब्रा कहती हैं कि उन्हें अपने हिजाब से कोई परेशानी नहीं होती है, और उन्हें हिजाब में ही ताइक्वांडों खेलना पसंद आता है। अपनी इस मेहनत, लग्न और बेबाकी से कुब्रा आज, दुनियाभर की युवा मुस्लिम महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। वो कहती हैं कि मुस्लिम महिलाओं को केवल डॉक्टर या टीचर ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए।
भविष्य की तैयारी
इन दिनों कुब्रा 2021 में होने वाली यूरोपीयन ताइक्वांडों चैंपियनशिप की तैयारी कर रही हैं। कुब्रा का सपना है कि वो इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर, अपने देश तुर्की और अपने समाज का नाम रोशन करें। हालांकि दुनियाभर में जारी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते, कुब्रा ट्रेनिंग सेंटर में जाकर प्रैक्टिस नहीं कर पा रही हैं। फिलहाल कुब्रा अपने घर में ही वर्कआउट और दूसरी ज़रूरी प्रैक्टिस कर रही हैं।