जाति-ध,र्म के बंधन तोड़ एक युवती ने खुद को देश की पहचान दी है। 33 वर्षीय मुस्कान ने ‘खान’ उपनाम हटा कर ‘भारतीय’ कर लिया है। ऐसा करने से पहले उन्हें काफी विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन दबाव में आए बिना मुस्कान अपने फैसले पर कायम रही और उपनाम बदलने की जाहिर सूचना प्रकाशित करवाई। इसके अलावा आधार कार्ड में भी उपनाम बदलने के लिए आवेदन कर दिया है। मुस्कान कहती हैं कि उनका जन्म भारत में हुआ है और देश से बढ़कर कुछ नहीं। उपनाम बदलने का सोचा तो काफी पहले था, लेकिन निर्णय पर अमल इस वर्ष किया है।

Broke bonds of caste and religion and gave identity of country Muslim woman kept surname of herself Indianमुस्कान के दफ्तर में काम की शुरुआत देशभक्ति गीत से होती है
रियल एस्टेट सेक्टर की मार्केटिंग कंपनी संचालित करने वाली मुस्कान के दफ्तर में 200 कर्मचारी हैं। सुबह जब दफ्तर खुलता है तो शुरुआत देशभक्ति गीत ‘ऐ वतन. आबाद रहे तू’ से होती है। उसके बाद ही दूसरे काम होते हैं। मुस्कान बताती हैं कि उन्होंने कभी जाति-ध,र्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया, लेकिन कई लोग नौकरी के लिए धर्म के आधार पर सिफारिश लेकर आते थे तो मैं उनसे कहती हूं कि सफलता मात्र ध,र्म के कारण नहीं काबिलियत से मिलती है।

खान उपनाम में क्या बुराई है
मुस्कान बताती हैं कि जब उपनाम बदलने के लिए जब जाहिर सूचना आई तो कई लोगों ने कहा कि ऐसा क्यों कर रही हो? खान उपनाम में क्या बुराई है? ऐसा हरगिज मत करो, तो मैंने उनसे यही कहा कि मैंने ध,र्म नहीं बदला और खुद की पहचान देश से ही तो जोड़ी है। इसमें बुराई क्या है? पहले स्वजन भी मेरे निर्णय के साथ नहीं थे, लेकिन बाद में मान गए।

जानें भारतीय तिरंगा का इतिहास, इतनी बार किया गया था बदलाव Republic Day 2020 know Indian national flag history tiranga color importance - News Nationमुस्कान महिलाओं के लिए एनजीओ भी संचालित करती हैं
मुस्कान महिलाओं के लिए एक एनजीओ भी संचालित करती हैं, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके। सिलाई के अलावा सजावट की वस्तुएं बनाने का उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाता है। गणतंत्र दिवस पर कुछ महिलाओं को सिलाई मशीन भी भेंट की जाएगी।
(साभार)

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