मध्य प्रदेश ने अपनी पहली पारी में 551/8 का विशाल स्कोर बनाया। बड़ौदा की टीम फॉलोऑन नहीं बचा पाई और पहली पारी में 302 पर ऑल आउट हो गई। दूसरी पारी में भी बड़ौदा ने 318 रन ही बनाए। इस पूरी प्रक्रिया में यूसुफ बड़ौदा की ओर से दोनों पारियों में शतक लगाने वाले छठे बल्लेबाज बन गए। यूसुफ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दूसरी बार दोनों पारियों में शतक लगाया है। इससे पहले 2010 में दलीप ट्रोफी में उन्होंने एक पारी में शतक और दूसरी में दोहरा शतक लगाया था। अपनी पारी के दौरान यूसुफ ने 13 छक्के लगाए।
इसके साथ ही वह रणजी ट्रोफी मैच में किसी बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा छक्के लगाने के मामले में संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर पहुंच गए। 1984-85 सीजन में रवि शास्त्री ने अपने दोहरे शतकीय पारी के दौरान 13 छक्के लगाए थे। ऋषभ पंत (21) और इशान किशन (14)- दोनों बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने दिल्ली और झारखंड के लिए ये छक्के लगाए। हिमाचल प्रदेश के शक्ति सिंह ने भी 1990-91 सीजन में हरियाणा के खिलाफ मैच में 14 छक्के लगाए थे। यूसुफ ने 57 वनडे इंटरनैशनल और 22 टी20 मैच खेल थे। इस दौरान उन्होंने क्रमश: 810 और 236 रन बनाए हैं। युसूफ ने इस मुकाबले में कुल 20 छक्के जड़े थे पहली पारी में 13 जबकि दूसरी पारी में 07 छक्के लगाये थे. इरफ़ान ने मैच में एक विकेट और80 रन बनाये.
इस मैच में यूसुफ को कुछ वि,वादों का सामना भी करना पड़ा। बड़ौदा की पहली पारी के दौरान तीसरे दिन यूसुफ और उनके छोटे भाई कप्तान इरफान बल्लेबाजी कर रहे थे। तभी मध्य प्रदेश के स्पिनर मिहिर हिरवानी के साथ युसुफ की कुछ बहस हो गई। यूसुफ हिरवानी की गेंद पर रन लेने के लिए दौड़े लेकिन उन्हें लगा कि हिरवानी उनका रास्ता रोक रहे हैं। इसी बीच फील्डर अंकित शर्मा ने रन आउट करने के लिए थ्रो किया लेकिन गेंद यूसुफ के हाथ पर लगी।