दिल्ली स्थित कुतुब मीनार परिसर (Qutub Minar) में क,थित तौर पर मं,दिरों को तोड़कर म,स्जिद बनाने को लेकर दायर याचिका पर साकेत कोर्ट में सुनवाई टल गई. सुनवाई करने वाले ज,ज के छुट्टी पर होने के कारण अब मामले की सुनवाई 27 अप्रैल को होगी. याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में बनी कु,व्वत-उ,ल-इ,स्लाम म,स्जिद को 27 हिं,दू और जैन मं,दिरों को तोड़कर बनाया गया था साथ ही ये भी कहा गया है कि इसे लेकर सबूत भी मौजूद हैं.
याचिका में कुतुब मीनार को ध्रु,व स्तं,भ बताते हुए मांग की गई है कि हिं,दू री,ति-रि,वाज से पू,जा करने की इजाजत दी जाए. यह याचिका पहले जैन तीर्थंकर भ,गवान ऋषभ देव, भग,वान वि,ष्णु की ओर से हरिशंकर जैन, रंजना अ,ग्निहोत्री और जीतेंद्र सिंह बिसेन ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि मु,गल बा,दशाह कु,तुबद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर कु,व्वत-उ,ल-इ,स्लाम म,स्जिद बना दी थी.
याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वो केंद्र सरकार को निर्देश दें कि वो एक ट्र,स्ट का गठन करे जो वहां दे,वी-दे,वताओं की पुनर्स्थापना करके उनकी पू,जा का प्रबंधन और प्रशासन का काम देखे. इस याचिका में अयोध्या मामले के फैसले का भी हवाला दिया गया है. या,चिकाकर्ताओं ने कहा है कि इस म,स्जिद में मु,सलमानों ने कभी भी न,माज नहीं पढ़ी. म,स्जिद में आज भी मू,र्तियों और धा,र्मिक प्रतीक देखे जा सकते हैं.