द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) ने एक ग्लोबल कैंपेन शुरू करने में अहम भूमिका निभाई। इसे कनाडा स्थित एक्टिविस्ट और राजनीतिज्ञों ने सपोर्ट किया। रिपोर्ट के मुताबिक, स्काई रॉकेट नाम की एक पीआर फर्म ने रिहाना को किसान आंदोलन के समर्थन में पोस्ट करने के लिए 2.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 18 करोड़ रुपए दिए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस टूल किट को स्वीडन की एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपनी पोस्ट में शेयर किया था, वह भी उन तक पहुंचाई गई थी ताकि भारत के खिलाफ नफरत पैदा करने की बड़ी साजिश को अंजाम दिया जा सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिहाना को पैसे देने वाली पीआर फर्म का डायरेक्टर धालीवाल है। यह भी कहा जा रहा है कि धालीवाल ने ही उस टूल किट को बनाया था, जिसे थनबर्ग ने अपनी पोस्ट में शेयर किया। धालीवाल खालिस्तान समर्थक है। उसने पिछले साल सितंबर में एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस बात को स्वीकार किया था। उसने पोस्ट में लिखा था, ‘मैं एक खालिस्तानी हूं। आप ये नहीं जानते होंगे, क्योंकि खालिस्तान एक विचार है। खालिस्तान एक जिंदा और सांस लेता आंदोलन है।’
(भास्कर से साभार)