गाजियाबाद के डासना देवी मं’दिर में स’मु’दा’य विशेष के लड़के के पानी पीने पर पि’टा’ई के मामले में आ’रो’पी की तरफदारी करने वाले मं’दि’र के म’हं’त य’ति न’र’सिं’हा’नं’द सरस्वती का एक क’थि’त वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें इ’स्ला’म ध’र्म के खि’ला’फ आ’प’त्ति’ज’न’क टि’प्प’णि’यां करते सुना जा सकता है। साथ ही कई मौकों पर वे पै’गं’ब’र मो’ह’म्म’द के बारे में भी वि’वा’दि’त बयान देते सुनाई दे रहे हैं। मो’ह’म्म’द आसिफ खान नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट किया है, जिसे AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रिट्वीट करते हुए न’र’सिं’हा’नं’द पर ज’म’क’र ह’म’ला बोला। Jansatta.com इस वीडियो की पु’ष्टि नहीं करता।
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें न’र’सिं’हा’नं’द कहते हैं इ’स्ला’म की अस’लि’य’त, जिसके लिए मौ’ला’ना कहते हैं कि अगर मो’ह’म्म’द के बारे में बोला तो सि’र का’ट देंगे, ये भ’य हिं’दू अपने दिमाग से निकाल दें। अगर मो’ह’म्म’द का सच इस दुनिया के मु’स’ल’मा’न को पता चल जाए, तो मु’स’ल’मा’न को अपने मु’स’ल’मा’न होने पर श’र्म आएगी। उसे श’र्म आएगी क्योंकि हर आदमी के अंदर भ’ग’वा’न ने’चु’र’ल इं’स्टि’क्ट बना कर भेजता है कि क्या अच्छा है, क्या बु’रा। और जब सबको पता चलेगा कि तुम सिर्फ तू किसे फॉलो कर रहा था तो उसे श’र्म आएगा। ये तो हिंदुस्तान के घ’टि’या ने’ता और न’क’ली ध’र्म’गु’रु हैं जिन्होंने ग्लो’रि’फा’ई कर दिया इ’स्ला’म जैसी गं’द’गी को।
वीडियो में न’र’सिं’हा’नं’द कहते हैं हम हिं’दू हैं हम रा’म के च’रि’त्र की मी’मां’सा कर सकते हैं। हम कृ’ष्ण के च’रि’त्र की मी’मां’सा कर सकते हैं। हम प’र’शु’रा’म के च’रि’त्र की मी’मां’सा कर सकते हैं। तो हमारे लिए मो’ह’म्म’द क्या चीज हैं हम मो’ह’म्म’द की मि’मां’सा क्यों नहीं करेंगे। स’च क्यों नहीं बोलेंगे।
Insulting Prophet (SAW) is unacceptable. Can these criminals acting as religious teachers get over their unnatural fixation with Islam? For something that you do not like, you do spend a lot of time on it. I’m sure there’s enough in your own belief system that you can discuss 1/2 https://t.co/S8R0SO2UXO
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 3, 2021
ओवैसी ने किया पलटवार: न’र’सिं’हा’न’द के इस क’थि’त वीडियो पर असदुद्दीन ओवैसी ने पोस्ट कर लिखा पै’गं’ब’र मो’ह’म्म’द का अस’म्मा’न अस्वी’का’र्य है। क्या यह अ’प’रा’धी जो कि धा’र्मि’क शि’क्ष’क बने हैं इ’स्ला’म के बारे में अपनी अ’प्रा’कृ’ति’क अ’व’धा’रणा से ऊपर उठेंगे जब आप किसी चीज को ना’प’सं’द करते हैं, तो उस पर काफी समय लगाते हैं। मुझे विश्वास है कि आपकी अपनी मा’न्य’ता’ओं में काफी कुछ होगा, जिसके बारे में चर्चा करना चाहेंगे।
(जनसत्ता से साभार)