कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल पर बनी ऊ,हापोह की स्थिति के बीच मुस्लिम विद्वानों के एक ग्रुप ने न सिर्फ उसे इ,स्लाम में जा,यज करार दिया है बल्कि अनिवार्य भी बताया है. एसें,बली ऑफ मु,स्लिम ज्यू,रिस्ट्स ऑफ अमेरिका (एजेएमए) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वैक्सीन में बेहद ख,तरनाक बी,मारी के फैलाव को रोकने की क्षमता है.

Image result for अमेरिकी मुस्लिम विद्वान कोरोना वैक्सीनकोविड-19 की वैक्सीन लेने पर मुस्लिम विद्वानों की अहम राय
शनिवार को इ,स्लामिक सर्कि,ल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (इकना) ने सेमिनार का आयोजन किया था, जिससे ये नतीजा निकला कि वैक्सीन लगवाने पर कोई धा,र्मिक पाबंदी नहीं है क्योंकि इसका मकसद खत,रनाक वा,यरस के फैलाव को रोकना है. सेमिनार में शिरकत करनेवाले विद्वानों और डॉक्टरों ने कहा कि कोविड-19 की बी,मारी के चलते दुनिया भर में 22 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौ,त हो चुकी है जबकि वायरस से संक्र,मित होनेवाले लोगों की संख्या 10 करोड़ 2 लाख से ऊपर पहुंच गई है.

एजेएमए ने अपने बयान में स्पष्ट किया, “जानकारी और दुनिया के सामने ख,तरे को देखते हुए कम से कम कहा जा सकता है कि ये जा,यज है या लोगों को लगवाने की सिफारिश की जाती है.” आगे बताया गया, “जहां तक जन स्वा,स्थ्य अ,धिका,रियों की बात है, तो लोगों के फायदे और सु,रक्षा के लिए उसे मुहैया कराना उनकी जिम्मेदारी है.” एजेएमए में विभिन्न मु,स्लिम देशों के इ,स्लामी विद्वान शामिल हैं. उसका कहना था कि म,हामारी को रोकने का एक ही तरीका हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचना है जिसके लिए करीब 70 फीसद लोगों को इम्यून किया जाना जरूरी है.

Image result for अमेरिकी मुस्लिम विद्वान कोरोना वैक्सीनकोविड टीका लगवाना इ,स्लाम में न सिर्फ जा,यज बल्कि ला,जिम
फ,तवे में साफ किया गया कि इ,म्यूनिटी का ये लेवल दो तरीकों से हासिल किया जा सकता है. एक सं,क्रमण को रोके बिना फैलने दिया जाए और दूसरा कोरोना वा,यरस के खि,लाफ लोगों का टी,काकरण किया जाए. मु,स्लिम विद्वानों का कहना था कि पहला तरीका श,रीयत से मेल नहीं खाता है क्योंकि उसमें लोगों, खासकर बुजुर्गों की जा,न को ख,तरा है और ये इंसानी जा,न बचाने के लिए इ,स्लामी शिक्षा के साथ प्रत्यक्ष टक,राव है. उन्होंने द,लील दी कि दूसरा तरीका टीकाकरण के जरिए है, जो श,रीयत और त,र्क से मेल खाता है.

किसी बी,मारी को रोकने या खत्म करने या सं,भावित बीमारी से बचाव के लिए दवा लेना आम सहमति का मामला है. विद्वानों ने द,लील देते हुए बताया कि कोविड-19 की वैक्सीन न सिर्फ जा,यज है बल्कि ला,जिमी भी है. ये सवाल की क्या ये ला,जिमी है या नहीं, इस बारे में इ,स्लाम ध,र्म के जानकारों ने विस्तार से बताया है, उसमें से एक ये भी है कि जब बी,मारी दूसरों को नुकसान पहुंचाए, तो उसकी दवा लेना बा,ध्यकारी है. ये स्थिति कोविड-19 बी,मारी के मामले में भी लागू होती है क्योंकि ये बेह,द सं,क्रामक है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *