रमजान के महीने के बारे में कहा जाता है कि यदि कोई रोजेदार इस पाक महीने में बु’रे क’र्म करेगा तो उसको आम दिनों की अ’पे’क्षा सत्तर गुना ज्यादा दं’ड मिलेगा और अच्छा काम करेगा तो उसको सत्तर गुना अधिक स’वा’ब मिलेगा। रमजान के महीने में त’रा’बी के पढ़ने से इंसान की रुह पाक साफ होती है। रमजान के महीने में रोजे रखने का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इससे रुह और आत्मा दोनों स्वच्छ होती है।
रोजेदार बु’रा’ई’यों से मु’क’द्दस हो जाता है
रमजान के दिनों में सिर्फ रोजा रखना ही काफी नहीं है। बल्कि आदतों पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है। रमजान के दौरान रोजेदार को बु’री सो’ह’ब’तों से दूर रहना चाहिए। ना तो झू’ठ बोलना चाहिए न ही किसी की इस दौरान बु’रा’ई करना चाहिए। दं’गे-फ’सा’द से दूरी बनाकर रखना चाहिए। इसलिए कहा जाता है कि गलत चीजों को देखने और सुनने से भी रोजा टूट जाता है। मा’न्य’ता है कि रोजा रखने से इंसान हर ग’ल’त काम और बु’रा’इ’यों से मु’क’द्द’स हो जाता है। रोजे इंसान को स्वयं पर का’बू रखने की त’र’बि’य’त देते हैं।
ज्यादा समय गुजारे इ’बा’द’त में
रमजान में यदि रोजा रखना है तो रोजेदार को रात को इसको नि’य’त कर लेना चाहिए। बेहतर यह है कि रमजान के महीने की पहली रात को ही पूरे महीने के रोजे की नियत कर लें। रमजान के शुरू होने से पहले जरूरत का सा’जो-सा’मा’न खरीद ले, जिससे रोजे के दौरान बाजारों के चक्कर न लगाना पड़े और ज्यादा से ज्यादा समय इ’बा’दत में गुजरे।
रोजे में म’ग’री’ब की न’मा’ज अदा करने के बाद इफ्तार करें और पर्याप्त पानी पीकर शरीर में दिनभर के पानी की कमी को दूर करें। दिनभर के रोजे के बाद इफ्तार की शुरूआत काफी हल्के खाने से करे। इफ्तार के लिए खजूर को बेहतर माना जाता है। इसलिए फल, सलाद, खजूर, सूप, जूस को इसमें शामिल करें। गर्मी का मौसम है इसलिए सहरी के खाने का भी खास ख्याल रखें। तला,गला, मसालेदार भोजन न लें। दूध, ब्रेड, ओटमील, फल सेहरी मे सेहत के लिए बेहतर होते हैं।
रमजान के मु’क’द्द’स महीने में ज्यादा से ज्यादा समय इबादत में गुजारें। कु’रा’न की ति’ला’व’त, न’मा’ज की पा’बं’दी, ज’का’त, स’दा’क और अ’ल्’ला’ह का जिक्र करते हुए इ’बा’द’त करें। इस पा’क महीने में ने’क काम करने और इफ्तार कराने से स’वा’ब बढ़ता है। यदि रोजेदार गलती से कुछ खा पी ले तो उसका रोजा टूटता नहीं है। रमजान के महीने में रोजेदार ग’ल’त ल’तों से दूर रहता है।
इसलिए इस महीने में सिगरेट, गु’ट’खा, श’रा’ब आदि से दूर रहें। रमजान के महीने में कु’रा’न पा’क की ति’ला’व’त की आ’द’त डालें। इससे बहुत स’वा’ब हासिल होता है। रात को जल्द सोकर सुबह फ’ज्र का न’मा’ज के लिए उठने की आ’दत बनाएं। इस पाक महीने में फ्ल न’मा’जों का त’हा’जु’द की न’मा’ज की तरह ए’ह’तेमा’म करें.