अपने बेटे को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते देखने की हसरत लिये मोहम्मद सिराज के वालिद चल बसे. आज अगर वह जी,वित होते तो उन्हें गर्व होता कि उनके बेटे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिये. सिराज ने 2-1 से सीरीज जीत में 13 विकेट चटकाए. ब्रिस्बेन में मिली जीत का जश्न हैदराबाद में भी मनाया गया.
सिराज के पिता मोहम्मद गौस का 20 नवंबर को नि,धन हो गया था. इसके एक सप्ताह पहले ही भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी और को,रोना प्रोटोकॉल के कारण सिराज अंतिम संस्कार के लिए लौट भी नहीं सके. मोहम्मद सिराज ने मेलबर्न (MCG) के बॉक्सिंग डे टेस्ट में अपना डेब्यू किया था. फिर गा,बा में 5 विकेट हॉल पूरा कर टीम इंडिया की जीत की बुनियाद रखी.
इस सीरीज के दौरान सिराज ने कुछ व्यक्तिगत रिकॉर्ड भी अपने नाम किए. जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती, उस वक्त हैदराबाद में सिराज की मां, भाई और दोस्त भावुक हो गए थे. दूसरी पारी में सिराज ने पहली बार 5 विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई थी. सिराज गाबा में पारी में 5 विकेट लेने वाले सिर्फ 5वें भारतीय गेंदबाज बने. भारत की ओर से सिराज ने 3 मैचों में सर्वाधिक 13 विकेट चटकाए.
सिराज के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा. कुछ साल पहले सिराज हैदराबाद में ‘फर्स्ट लांसर इलाके’ के स्थानीय ईदगाह मैदान में नंगे पांव गेंदबाजी करते थे. मार्च में 27 साल के होने जा रहे सिराज साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता मोहम्मद गौस एक ऑटो-रिक्शा चलाते थे. सिराज के भाई उनके पिता की मदद करते थे.
सिराज ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ही पिछले साल नवंबर में अपने पिता को खो दिया था. उन्हें बोर्ड ने स्वदेश वापसी का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने भारतीय टीम के साथ ही रहना पसंद किया. तब सिराज ने बीसीसीआई को कहा था, ‘मेरे पिता मुझे सबसे ज्यादा सपोर्ट करते थे. यह मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है. उनका सपना था कि मैं भारत के लिए टेस्ट खेलूं और अपने देश का नाम रोशन करूं.’
सिराज के बड़े भाई इस्माइल ने कहा, ‘मेरे पिता टेस्ट क्रिकेट के बड़े प्रशंसक थे. वह सिराज को कहते थे कि क्रिकेट का मतलब टेस्ट मैच है. वह वनडे और टी20 के फैन नहीं थे. वह सिराज की टेस्ट क्रिकेट के लिए हौसला अफजाई करते थे.’ इस्माइल अब सिराज के मैनेजर भी हैं.
सिराज का जन्म 1994 में हैदराबाद के फर्स्ट लांसर इलाके में एक किराए के मकान में हुआ था. जब सिराज का चयन 2017 में भारतीय टी20 टीम में हुआ, तब उन्होंने अपने परिवार के लिए एक घर खरीदा. साथ ही यह सुनिश्चित किया कि उनके पिता ऑटो-रिक्शा नहीं चलाएंगे.
सिराज ने कभी औपचारिक रूप से क्रिकेट कोचिंग नहीं ली. वह शुरुआत में घर के नजदीक के मैदान में कैनवास गेंद से अभ्यास करते थे. सिराज के दोस्तों ने उनके जीवन में अहम योगदान दिया है. सिराज के बचपन के दोस्त अमजद खान ने कहा कि सिराज पहले बल्लेबाज बनना चाहते थे. हमलोग घरेलू टूर्नामेंट में टेनिस गेंद से खेला करते थे. बाद में सिराज गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन करने लगे. उनकी उपलब्धियों से हमलोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
सिराज के एक और दोस्त सैय्यद आमिर जमां ने कहा कि हम उन्हें हैदराबाद में लीग टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते थे. इसके बाद उन्होंने कई घरेलू क्रिकेट क्लबों के साथ खेला और अपनी प्रतिभा को निखारा.
सिराज ने 2015-16 के रणजी सीजन में हैदराबाद के लिए प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया और बाद में विजय हजारे ट्रॉफी में शिरकत किया. सिराज ने हैदराबाद की अंडर-23 टीम के लिए भी क्रिकेट खेला है. आईपीएल में सिराज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम से खेलते हैं. इससे पहले वह सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) टीम में भी रह चुके हैं.
(आजतक)