रमजान का पाक और बरकतों वाला महिना शुरू होने जा ररहे हैं. आज के इस लेख मे हम यहाँ अब हम उन चीज़ों का ज़िक्र कर रहे हैं जिनसे रोज़ा नहीं टूटता। यहाँ पर सिर्फ़ उन चीज़ों का बयान है जिन से रोज़ा नहीं टूटता लेकिन यह नहीं बताया गया कि उनसे रोज़ा म,करू,ह भी होता है या नहीं या यह कि वह काम सही है या गलत।
भूलकर खाने-पीने से रोज़ा नहीं टूटता चाहे वह रोज़ा फ़र्ज़ हो या न,फ़्ल। मक्खी धूल-धुआँ या ग़ुबारगले में ख़ुद से चला जाये तो रोज़ा नहीं टूटता। नहाते में या कुल्ली करते में कुछ तरी मुँह में बाक़ी रह गई जो थू,क के साथ नि,गल ली तो उससे रोज़ा नहीं टूटता।
दाँत या मुँह में बिल्कुल थोड़ी सी कोई चीज़ रह गई और थू,क के साथ ह,लक़ में उतर गई या दाँतों से ख़ू,न निकलकर ह,लक़ तक पहुँचा मगर ह,लक़ से नीचे न उतरा तो इन सू,रतों में रोज़ा नहीं टूटता। भूले से खाना खा रहा था याद आते ही फ़ौरन निवाला निकाल दिया या सुबह सा,दिक़ से पहले खा रहा था और सुबह सा,दिक़ होते ही उ,गल दिया रोज़ा नहीं टूटा।
तेल या सुर्मा लगाने से रोज़ा नहीं टूटता चाहे तेल या सुर्मे का मज़ा ह,लक़ में महसूस होता हो बल्कि थूक में सुर्मे का रंग भी दिखाई देता हो जब भी नहीं। तिल या तिल के बराबर कोई चीज़ चबाई और थू,क के साथ ह,लक़ से उतर गई तो रोज़ा नहीं टूटा लेकिन अगर उसका म,ज़ा ह,लक़ में महसूस होता हो तो रोज़ा टूट गया।