इंटरनेशनल क्रिकेट मैच में बल्लेबाजी जाहिर तौर पर आसान काम नहीं है. बड़े बड़े बल्लेबाजों को भी रन बनाने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ती है, संघर्ष करना पड़ता है. कई बार बैटिंग करने और बड़े-बड़े स्कोर बनाने के बावजूद भी बल्लेबाजों को हर नई पारी में सबसे ज्यादा बेचैनी खाता खोलने की होती है. जाहिर तौर पर कोई भी शून्य पर आउट नहीं होना चाहता. लेकिन एक ऐसा बल्लेबाज भी है, जिसका शून्य से खास नाता बनता जा रहा है. ये बल्लेबाज है- इबादत होसैन.

भारत और बांग्लादेश के बीच रविवार 4 दिसंबर को मीरपुर में पहला वनडे मैच खेला गया. इस मैच में मेजबान बांग्लादेश ने 1 विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की. हालांकि, इस मैच में शुरू से लेकर अंत तक खूब नाटकीयता रही. इसी ड्रामे का हिस्सा थे बांग्लादेशी खिलाड़ी इबादत होसैन, जो 39वें ओवर में बल्लेबाजी के लिए आए और तीन गेंदों के अंदर खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए. खास बात ये थी कि वह हिट-विकेट आउट हुए.

अब बात इबादत के उस आंकड़े की, जिसकी चर्चा पिछले कुछ वक्त में खासी बढ़ गई है, क्योंकि जब भी वो बल्लेबाजी के लिए आते हैं, तो सब उत्सुकता से उनके पहले रन का इंतजार करते हैं. दुर्भाग्य से ज्यादातर मौकों पर देखने वालों और खुद इबादत को निराशा ही मिलती है. इबाबदत ने अभी तक टेस्ट और वनडे में कुल मिलाकर 30 पारियों में बैटिंग के लिए क्रीज पर कदम रखा है, जिसमें उनके नाम सिर्फ 33 रन हैं.

इन 30 पारियों में से 23 बार (21 टेस्ट, 2 वनडे) इबादत के बल्ले से कोई रन नहीं निकल सका. यानी उनके नाम के आगे लिखा रहा जीरो. इन 30 में से भी 9 बार (8 टेस्ट, 1 वनडे) वह खाता खोले बिना आउट हो गए.

अन्य 14 पारियों में इबादत के बल्ले से रन तो नहीं निकला, लेकिन वह नाबाद ही लौटे. इन आकंड़ों को मजेदार बनाने के लिए एक और आंकड़ा है. जीरो स्कोर वाली इन 23 पारियों में 2019 से 2022 के बीच वह लगातार 10 टेस्ट पारियों में 0 पर या तो आउट हुए थे या नाबाद लौटे थे.

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