भारत और साउथ अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच दिल्ली में खेला गया, जो उम्मीदों और योजना के तहत भारत के पक्ष में नहीं रहा. मेहमान साउथ अफ्रीका (India vs South Africa) ने मेजबान भारत को 7 विकेट से हरा दिया.

साउथ अफ्रीका ने ये जीत 212 रनों के बहुत बड़े लक्ष्य को हासिल कर दर्ज की. वैसे भारतीय टीम एक वक्त इस मैच में आगे थी और लग रहा था कि साउथ अफ्रीका के लिए स्थिति मुश्किल हो जाएगी. फिर आवेश खान (Avesh Khan) ने अनजाने में कुछ ऐसा किया, जिसके बाद मैच का रुख पलट गया.

आवेश खान की एक तेज गेंद ने साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज रासी वैन डर डुसैं (Rassie Van Der Dussen) का बल्ला तोड़ दिया. इसके बाद स्थिति पूरी तरह से बदल दी. भारतीय टीम ने तो 211 रन बना दिए थे और फिर साउथ अफ्रीका को 3 झटके भी दे दिए थे. ऐसे में क्रीज पर थे डेविड मिलर और रासी वैन डर डुसैं. मिलर तो धमाकेदार बैटिंग किए जा रहे थे, लेकिन रासी को संघर्ष करना पड़ रहा था. ये ओवर दर ओवर दिख रहा था.

आवेश खान की गेंद से टूटा बल्ला

आवेश खान फिर आया पारी का 14वां ओवर. आवेश खान गेंदबाज थे और स्ट्राइक पर रासी. ओवर की पहली 3 गेंदों पर कोई रन नहीं आया. तीसरी गेंद तो यॉर्कर लेंथ पर थी और उसे ड्राइव करने की कोशिश में रासी के बैट पर लंबी और गहरी दरार पड़ गई. बैट के दो टुकड़े हो गए.
बैट बदलते ही बदल गए अफ़्रीकी बल्लेबाज के तेवर

इस वक्त तक रासी का स्कोर 26 गेंदों में सिर्फ 22 रन था और उन्हें अपना बैट बदलना पड़ा. शायद बैट बदलने का ही असर था, कि अचानक ही उनका बैटिंग गियर भी बदल गया और बल्ले से खुलकर रन आने लगे. रासी इसके बाद अपने रंग में आ गए. उन्हें इस बीच एक जीवनदान भी मिला और फिर 17वें ओवर में उन्होंने तीन छक्के और 1 चौका ठोक दिया.

उन्होंने बैट बदलने के बाद अगली 11 गेंदों में 30 रन ठोकते हुए अर्धशतक पूरा किया और टीम को जीत की राह पर ले जाने में मदद की. वह आखिर तक नाबाद रहे और कुल 46 गेंदों में 75 रन बनाकर लौटे. यानी बैट टूटने के बाद उन्होंने अगली 20 गेंदों में 53 रन उड़ाए. उस घटना को सिर्फ एक संदर्भ के तौर पर पेश किया जा रहा है.

क्योंकि वहीं से साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज रासी वैन डर डुसैं के रंग भी बदले. उन्होंने अपने साथी डेविड मिलर के साथ मिलकर टीम इंडिया को अगले कुछ ओवरों के अंदर ही मैच से बाहर करते हुए जीत दर्ज कर ली. रासी ने मिलर के साथ नाबाद 131 रनों की साझेदारी की और टीम इंडिया को इस साझेदारी के कारण हार के तौर पर खामियाजा भुगतना पड़ा.