आज का भारत लोकतंत्र (Democratic Country) है. यहां के लोग इलेक्शन के जरिये अपना लीडर चुनते हैं. लेकिन भारत के इतिहास में कई राजा-महाराजा था. इनका अपना राज्य होता था जहां ये शासन करते थे. इनमें से कुछ राजा अपने स्वभाव के कारण लोगों के दिलों में जगह बनाते थे वहीं कुछ ऐसे भी राजा रहे हैं,जो अपने नेचर की वजह से बदनाम रहे हैं.

पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह का नाम इन्हीं बदनाम राजाओं में गिना जाता है. भूपिंदर सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 को हुआ था. किसी कारणवश इन्हें मात्र 9 साल की उम्र में ही राजा बनाया गया. इसके बाद जब वो 18 के हुए तब उन्होंने राज काज संभाला. इसके अगले 38 साल तक उन्होंने शासन किया. लेकिन अपनी जिंदगी में उन्होंने कुछ ऐसे काम किये जिसकी वजह से उनकी काफी बदनामी हुई.

रंगरलियों के लिए बनाया महल
भूपिंदर सिंह बेहद अय्याश किस्म का राजा था. अपनी रंगरलियों के लिए उसने अलग से एक महल ही बनाया था. इसका नाम रखा था लीला-भवन. इस महल में लोगों की एंट्री बिना कपड़ों के होती थी. आज भी ये महल पटियाला के भुपेन्द्रनगर रोड के किनारे मिल जाएगा. इस महल का एक स्पेशल कमरा था जिसे प्रेम मंदिर कहते थे. इस कमरे में सिर्फ राजा की एंट्री थी. कहा जाता है कि इस रूम में भोग-विलास के कई साधन मौजूद थे.

365 रानी का इकलौता राजा
भूपिंदर सिंह की कुल 365 रानियां थी. इन रानियों में 10 को बीवी का दर्जा मिला था. महल में रानियों के लिए एक डॉक्टर 24 घंटे मौजूद रहती थी. इन रानियों से भूपिंदर सिंह के कुल 83 बच्चे हुए, जिनमें से 20 की मौत हो गई. महाराजा भूपिंदर किस रानी के साथ रात बिताएंगे, इसका डिसीजन काफी अनोखे तरीके से किया जाता था. महल में जकुल 365 लालटेन जलाई जाती थी. हर लालटेन पर एक रानी का नाम लिखा होता था. जिस नाम का लालटेन पहले बुझता था, उसके साथ ही भूपिंदर सिंह की रात कटती थी.

जीते थे लक्जरी लाइफ
भूपिंदर सिंह अपनी लग्जरी जिंदगी के लिए मशहूर थे. कहा जाता है कि उनके पास दुनिया का सातवां बेशकीमती हार था जो चोरी हो गया था. इसके अलावा पटियाला पैग बनाने का क्रेडिट भी इन्हें ही जाता है. इसके अलावा भूपिंदर सिंह के पास 44 रॉल्स रॉयस कार थी. शख्स थे जिनका खुद का विमान था.

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