दिल्ली के एक कोर्ट ने ‘सुल्ली डील्स’ (Sulli Deals) ऐप के क्रिएटर ओंकारेश्वर ठाकुर और ‘बुल्ली बाई’ (Bulli Bai) मामले के आरोपी नीरज बिश्नोई को जमानत दे दी है. मुख्य महानगर दंडाधिकारी डॉ पंकज शर्मा ने जमानत देने के पीछे के कारणों में आरोपियों के पहली बार अपराध में शामिल होने की बात कही है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने यह भी कहा है कि लगातार जेल में रहने से उनके कल्याण पर गलत असर पड़ेगा. मालूम हो कि ओंकारेश्वर ठाकुर को सह-आरोपी नीरज बिश्नोई के खुलासे के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.

दिल्ली के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ​​ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत देने का प्राथमिक कारण यह था कि फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के नतीजे अभी नहीं आए हैं.

जमानत के लिए शर्तें

कोर्ट ने दोनों आरोपी पर सख्त शर्तें लगाई हैं ताकि वे किसी गवाह को धमका न सकें और किसी भी सबूत को खराब न कर सकें. शर्तों में यह शामिल है कि आरोपी किसी भी पीड़ित से संपर्क करके उन्हें प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा.

उन्हें यह भी कहा गया कि वे अपने मोबाइल फोन को हर समय चालू रखें और जांच अधिकारी द्वारा पूछे जाने पर अपना लोकेशन देंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों आरोपी व्यक्तियों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है और जब भी कोर्ट उन्हें आदेश देगी तो उन्हें पेश होना होगा.

मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने इस साल 6 जनवरी को असम से बुल्ली बाई ऐप को बनाने वाले नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी. इस ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया गया और यह 1 जनवरी को सार्वजनिक हो गई थी.

दूसरी ओर ओंकारेश्वर ठाकुर को 9 जनवरी को इंदौर से सुल्ली डील्स ऐप बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जुलाई 2021 में इसपर कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें इस टेक्स्ट के साथ ऐप पर अपलोड की गईं- “डील ऑफ द डे”.

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