मोहम्मद शमी की गिनती दुनिया के चोटी के गेंदबाजों में होती है. 2015 का विश्वकप हो या फिर 2019. शमी टीम इंडिया के लिए मोस्ट विकेटटेकर रहे हैं. शमी ने अपने शानदार प्रदर्शन से कई बार टीम इंडिया को मैच जीताए हैं. शमी ने 2013 में डेब्यू किया था. उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बनने का सफर इतना आसान नहीं रहा है.

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से हैं शमी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने वाले मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा के गांव सहसपुर अलीनगर से हैं. एक किसान परिवार में पैदा हुए शमी ने अपने दम पर टीम इंडिया में जगह बनाई. वो कई सालों से भारतीय टीम में हैं और चोटिल होने के कारण कई बार टीम से बाहर भी हो चुके हैं. शमी ने कई मौको पर भारत को अपने शानदार गेंदबाजी से मैच में जीत दिलाई है.

किसान परिवार में पैदा हुए थे शमी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के इसी गाँव में किसान परिवार में पैदा हुए मोहम्मद शमी ने टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ के रूप में पहचान बनाई है. शमी को प्यार से वो लोग सिम्मी कहते है, शमी को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. वो घर के आँगन में, छत पर, बाहर खाली पड़ी जगह में गेंदबाजी करने लगते थे.

कब्रिस्तान की खाली ज़मीन पर करते थे गेंदबाजी
शमी की रफ़्तार ने बहुत कम उम्र में ही उन्हें आसपास के गाँवों में लोकप्रिय बना दिया, वह स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट का आकर्षण होते. गाँव में उनके घर के पीछे क़ब्रिस्तान है और इसी क़ब्रिस्तान की खाली ज़मीन शमी के लिए पहला मैदान बनी. शमी ने यहीं पिच बनाई और गेंदबाज़ी का अभ्यास करने लगे. बचपन में शमी टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे, टेनिस की गेंद से भी उनकी रफ़्तार बल्लेबाज़ों में ख़ौफ़ पैदा कर देती.

उत्तर प्रदेश से कोलकाता तक का सफर
कोच बदर अहमद ने शमी को उत्तर प्रदेश में ट्रायल देने को कहा लेकिन वो चुने नहीं गए, ऐसे में उनके कोच ने उन्हें कोलकाता में क्लब क्रिकेट खेलने के लिए भेज दिया. यहाँ शमी ने क्रिकेट का सही प्रशिक्षण लिया. अभ्यास के लिए उन्होंने गाँव में खाली पड़ी अपनी जमीन पर सीमेंट से पिच बनाई, गोबर के उपलों और घूड़ी (भूसा या पुआल) के बीच शमी प्रैक्टिस करते लगने.

2013 में चुने गए भारतीय टीम में
मोहम्मद शमी टीम इंडिया के लिए चयनित होने से पहले पश्चिम बंगाल की ओर से रणजी क्रिकेट खेलते थे. मात्र 15 फ़र्स्ट क्लास मैच खेलने के बाद ही जनवरी 2013 में उनका चयन टीम इंडिया में हो गया. छह जनवरी 2013 को दिल्ली के फ़िरोज़ शाह कोटला मैदान पर शमी ने अपना पहला वनडे मैच खेला था.

डेब्यू मैच में फेंका था चार मेडन
शमी ने पहले ही मैच में चार मेडिन ओवर फेंककर अपनी प्रतिभा की झलक दिखला दी थी, डेब्यू मैच में ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय गेंदबाज़ भी बने. सचिन की ऐतिहासिक विदाई सिरीज़ से शमी ने टेस्ट में आग़ाज़ किया. कोलकाता के ईडन गार्डन पर अपने पहले टेस्ट में नौ विकेट लेकर उन्होंने अपनी रफ़्तार का लोहा मनवाया था