अफ्रीका की टीम ने डीन एल्गर की सूझबुझ भरी पारी के दम पर टीम इंडिया को शिकस्त दी. टीम इंडिया से अकेले लोहा केते हुए कप्तान एल्गर ने नाबाद 96 रन की पारी खेली. एल्गर ने विजयी शॉट् खेलकर करोड़ों भारतीयों का दिल तोड़ दिया.

कप्तान डीन एल्गर बचपन से ही निडर और बेख़ौफ़ प्रवृत्ति के रहे हैं. अफ़्रीकी टीम के जीत के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में डीन एल्गर के पिता ने बताया कि कैसे उनका बेटा बचपन से बेखौफ था और क्रिकेटर बनने का जुनून था.

34 वर्षीय डीन एल्गर ने बचपन में ही यह तय कर लिया था कि वह खेल की दुनिया में अपना नाम बनाएंगे. प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हुए ही उन्होंने अपने पिता से यह कहा था कि वह खेल में ही करियर बनाना चाहते थे. एक दिन एल्गर के प्रिंसिपल ने उनसे पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा तब एल्गर ने प्रिंसिपल पर भड़कते हुए कहा था कि वह बस क्रिकेट खेलेगा.

Imageएल्गर का क्रिकेट के प्रति यही जूनून ही उन्हें यहां तक लेकर आया. 1987 को जन्मे डीन एल्गर के पिता ने बताया कि जब वह पांच साल के थे तो घर के पीछे अपने छह साल के बड़े भाई के साथ क्रिकेट खेला करते थे.

इतनी कम उम्र में भी तेज गेंदों का सामना करते हुए वह बिलकुल भी डर नही डरते थे. उन्होंने पिता से कहा कि चाहे जो हो जाए वह आउट नहीं होंगे. जोहानिसबर्ग टेस्ट में टीम इंडिया के खिलाफ एल्गर ने ऐसा ही किया.