कहीं बाहर घूमने जाने से पहले हममें से कई लोग होटल के बारे में चेक करना पसंद करते हैं। होटल का कमरा बुक करने का प्रोसेस अब बहुत आसान हो गया है और ये सिर्फ कुछ ही क्लिक में बुक हो जाता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचने की कोशिश की है कि आप उस कमरे को बुक करने वाले हैं जिसमें पहले से ही कई लोग रह चुके हैं। हाइजीन की बात की जाए तो होटल रूम बहुत ज्यादा अच्छे ऑप्शन नहीं होते हैं। भले ही आप किसी भी होटल रूम में जा रहे हों वहां पर रेगुलर सफाई नहीं होती है।
पर होटल के कमरों से जुड़े कई फैक्ट्स होते हैं जिन्हें आम लोग नहीं जानते हैं पर उन्हें ये फैक्ट्स जानने चाहिए। ऐसे में क्यों न हम बात करें उन्हीं फैक्ट्स के बारे में और ये जानने की कोशिश करें कि आखिर होटल्स के सीक्रेट क्या होते हैं।
आखिर क्यों सफेद होती हैं होटल की चादरें
आपने कई बार होटल का रूम बुक किया होगा और कई अलग-अलग जगहों पर रहे होंगे, लेकिन एक बात जो शायद आपने नोटिस न की हो वो ये कि होटल की चादरें हमेशा सफेद होती हैं। भले ही कमरे का रंग कुछ भी हो और उसका डेकोरेशन कैसे भी किया गया हो या फिर वो मिड रेंज कमरा हो या फिर हाई रेंज कमरा उनकी चादरें हमेशा ही सफेद मिलेंगी।
इसके पीछे का कारण बहुत साधारण सा है। सफेद रंग में भले ही दाग जल्दी दिखते हों, लेकिन इसे साफ करना ज्यादा आसान होता है। नहीं-नहीं यहां चादर को हाथ से धोने या मशीन में धोने की बात नहीं हो रही है बल्कि इसे ब्लीच करने की बात हो रही है। आपने नोटिस किया होगा कि होटल की चादरों से अधिकतर केमिकल स्मेल आती है। ऐसा ब्लीच की वजह से होता है। इन चादरों को धोने की जगह ब्लीच किया जाता है और ये न सिर्फ होटल वालों का पैसा बचाता है बल्कि उनका समय भी बचाता है और गेस्ट्स को लगता है कि उनके कमरों में बिल्कुल नई चादरें डाली गई हैं।
कमरे में रखे ग्लास होते हैं सबसे गंदे
आप किसी भी होटल में जाएं तो पहले वहां रखे ग्लास में पानी पीने से पहले उन्हें पोंछ लें या फिर धो लें। ये ग्लास बहुत गंदे होते हैं और अगर आप सोच रहे हैं कि ये रोज़ाना धुलते हैं तो ऐसा नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक होटल में मौजूद सबसे गंदी चीजों में से एक ये पानी के ग्लास होते हैं।
रोज़ नहीं धोए जाते टॉवल
वैसे तो टॉवल भी बेडशीट्स की तरह ही ब्लीच किए जाते हैं, लेकिन कई बार जब आप अपना कमरा साफ करवाते हैं तो शायद आप ये सोचते होंगे कि जो टॉवल रूम सर्विस द्वारा रिप्लेस किए गए हैं वो नए हैं, पर ऐसा नहीं है।
अधिकतर पुराने टॉवल को ही प्रेस कर और रूम फ्रेशनर छिड़क कर आपके कमरे में रख दिया जाता है।
शीट पर मौजूद कवर कभी नहीं होता साफ
जी हां, ये होटल के कमरों में मौजूद सबसे गंदी चीजों में से एक हो सकता है। शीट कवर कभी साफ नहीं किया जाता है और इसे हर बार वैसे ही बिछा दिया जाता है।
ऐसे में बेहतर होगा कि आप इसे बार-बार न छुएं और जाते ही बेड से अलग करके रख दें।
ट्रैवल एजेंट्स द्वारा होटल रूम बुक करवाने पर होता है ये फायदा
ऐसे गेस्ट्स जिनका कमरा ट्रैवल एजेंट के जरिए बुक करवाया जाता है उन्हें ज्यादा बेहतर कमरा दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन रूम्स के बदले में मैनेजर को उनका शेयर भी मिलता है। सबसे खराब या बिना व्यू वाले कमरे उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्होंने ऑनलाइन वेबसाइट में किसी सेल के जरिए कमरा बुक करवाया होता है।
यही कारण है कि कई बार होटल बुक करवाते समय कमरा काफी सुंदर दिखता है, लेकिन असल में ये इतना अच्छा नहीं होता है।
कई होटल डायरेक्ट कॉल करने वालों को बेहतर डिस्काउंट दे देते हैं
कई बार ऐसा होता है कि वो लोग जो होटल रिसेप्शन पर डायरेक्ट कॉल करते हैं उन्हें ज्यादा बेहतर कमरा कम दाम में मिल जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वेबसाइट्स भले ही आपको बहुत ज्यादा डिस्काउंट दे रही हों पर वो बुकिंग के जरिए कमाई जरूर कर लेती हैं। ऐसे में आप बुकिंग कंफर्म करने से पहले एक बार खुद से होटल में कॉल करके जरूर रेट पता कर लें।
आपका फोन और कीकार्ड कभी एक साथ नहीं होना चाहिए
आजकल अधिकतर होटल में कीकार्ड का सिस्टम है जहां दरवाज़ा एक क्रेडिट कार्ड स्टाइल मैग्नेटिक कार्ड के जरिए खुलता है। आपको बता दें कि ये कीकार्ड आपके फोन के संपर्क में आकर डिमैग्नेटाइज हो सकता है और इसका मतलब ये है कि आपको दोबारा रिसेप्शन पर जाकर अपना कार्ड चार्ज करना होगा और फिर ही आपका दरवाजा खुलेगा।
इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने होटल कीकार्ड को फोन से दूर ही रखें।
आप अपने रूम अपग्रेड के लिए बात कर सकते हैं
अगर आप अपने रूम से खुश नहीं हैं तो अपने रूम अपग्रेड के लिए बात कर सकते हैं। कई बार ये फ्री ऑफ कॉस्ट भी हो जाता है। आपको बस रिसेप्शन पर इसके बारे में बात करनी होती है। अपना रूम अपग्रेड करने के लिए आप जितना पैसा वेबसाइट को देंगे उससे काफी सस्ते में वो होटल के रिसेप्शन से हो सकता है।