जसप्रीत बुमराह को लेकर बीसीसीआई के मन में क्या चल रहा है, यह तो अच्छी तरह बोर्ड ही बता सकता है, लेकिन जिस तरह से बुमराह के मामले को बीसीसीआई के अधिकारियों ने हैंडल किया है, वह जरूर फैंस और पंडितों के बीच मजाक का विषय बन गया है. वास्तव में यह स्थिति बीसीसीआई जैसी पेशेवेर संस्था के काम-काज के तरीके पर भी सवाल खड़ा करता है. कारण यह है कि करीब छह दिन पहले ही जनवरी तीन बोर्ड ने खुद आधिकारिक मेल जारी करके यह सूचना दी कि बुमराह को श्रीलंका के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए मूल टीम में जोड़ा गया है, लेकिन बहुत ही ज्यादा हैरानी का बात यह रही कि छह दिन बाद ही सोमवार को पहले वनडे की पूर्व संध्या पर फिर से मेल आया कि बुमराह चोट के कारण सीरीज से बाहर हो गए हैं. और इसी ने बीसीसीआई पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

सवाल यह कि पहली बार बुमराह को बिना फिटनेस टेस्ट के ही टीम में जगह दे दी गई? आखिरकार बोर्ड कि मेडिकल टीम ने किस आधार पर बुमराह को हरी झंडी दी? जब बुमराह अभी ही फिट नहीं हैं, तो तब बुमराह कैसे फिट थे? बुमराह को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों? वास्तव में इस बार-बारी मेला-मेली ने पूरे विषय को एकदम मजाक का विषय बना दिया है. और इस तरह की ही घटनाएं होती हैं, जो बोर्ड के लिए बदनामी और उसका मजाक उड़ाने का सबब बनती हैं. देखिए कि फैंस क्या कह रहे हैं.

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