भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हार्दिक पंड्या को भारत की टी20 टीम का कप्तान नियुक्त किया है.
इसकी वजह ये हैं कि पंड्या ने अपनी नेतृत्व क्षमता से काफी प्रभावित किया है. आईपीएल में अपनी कप्तानी में उन्होंने गुजरात टाइटंस को खिताबी जीत दिलाई थी. इसके बाद जब उन्हें रोहित शर्मा, केएल राहुल की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौका मिला था तो वहां भी उन्होंने प्रभावित किया था. मंगलवार को श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने बताया कि बतौर कप्तान वह टीम के भले के लिए जोखिम लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
जोखिम लेना कप्तानी का अहम हिस्सा है. दुनिया के महान कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी इसी खासियत के चलते इतने सफल कप्तान रहे और पंड्या ने भी यही दिखाया है कि वह जोखिम लेने से नहीं चूकेंगे. उन्होंने मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए पहले टी20 मैच में एक जुआ खेला जो कारगर साबित हुआ और टीम को जीत मिली और ये जोखिम उन्होंने आखिरी ओवर में लिया.
अक्षर पटेल को थमाई गेंद
श्रीलंका की टीम ने इस मैच में जबरदस्त लड़ाई लड़ी. आखिरी ओवर में उसे जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. पंड्या के पास तीन विकल्प थे. वह चाहते थे तो खुद गेंदबाजी कर सकते थे. उनका एक ओवर बचा था. वहीं युजवेंद्र चहल के दो ओवर बचे थे और अक्षर पटेल के भी दो ओवर बचे थे. पंड्या खुद ओवर डाल सकते थे लेकिन उन्होंने अक्षर को गेंद थमाई. अक्षर पटेल को गेंद थमाना जुआ था क्योंकि स्पिनर के सामने बल्लेबाज वैसे भी हावी होता है और इस ओवर से पहले अक्षर ज्यादा सफल भी नहीं रहे थे. उन्होंने दो ओवरों में 21 रन दिए थे.
श्रीलंकाई बल्लेबाज अक्षर पर आसानी से रन बना सकते थे, लेकिन पंड्या ने अक्षर पर भरोसा जताया और बाएं हाथ का ये स्पिनर कप्तान के भरोसे पर खरा उतरा. उन्होंने इस ओवर में सिर्फ 10 रन दिए और भारत को जीत दिलाई. अक्षर ने अपने कोटे के तीन ओवरों में 31 रन दिए, हालांकि उनको विकेट नहीं मिला.
पंड्या से मैच के बाद इस बारे में पूछा भी गया कि उन्होंने अक्षर को आखिरी ओवर क्यों दिया? इस पर पंड्या ने कहा कि ये युवा खिलाड़ी ही टीम को मैच में वापस लेकर आए थे.पंड्या ने साथ ही कहा कि उन्होंने अक्षर का खेल देखा है. पंड्या ने कहा, “हम यहां से मैच हार सकते थे और इससे कोई परेशानी नहीं थी. ये युवा खिलाड़ी हैं जो हमें मैच में वापस लेकर आए. मैंने उन्हें देखा है.”