कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में ममता बनर्जी के मंच पर पहुंचते ही ‘जय श्री रा,म’ के नारे लगने पर ममता भ,ड़क गई थीं, इस कार्यक्रम के अगले दिन पश्चिम बंगाल बीजेपी के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया.
वीडियो में ममता बनर्जी इ,स्लाम से जुड़ी आ,यत पढ़ती दिख रही हैं. बीजेपी ने वीडियो शेयर कर ममता बनर्जी पर तु,ष्टिकरण का आ,रोप लगाया है. असल में सोशल मीडिया पर वीडियो के एक ही हिस्से को ग,लत दावे के साथ शेयर किया गया है. पूरे वीडियो में ममता बनर्जी इ,स्लाम के अलावा अन्य ध,र्मों के श्लो,क, मं,त्र भी पढ़ती दिख रही हैं.
दावा
ट्विटर और फेसबुक पर कई यूजर ये दावा कर रहे हैं कि ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स,म्मान को ठेस पहुंचाई. बीजेपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस कैप्शन के साथ वीडियो शेयर किया-
कैप्शन का हिंदी अनुवाद है – अगर सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल सरकार के समारोह में इ,स्लाम से जुड़ी प्रा,र्थनाएं बोल सकती हैं, तो उन्हें जय श्री रा,म से क्या समस्या है ? तु,ष्टिकरण ? उन्होंने बंगाल को ब,दनाम किया और नेताजी की सालगिरह के मौके पर अपने आचरण से नेताजी की विरासत का अ,पमान किया.
भाजपा सांसद मनोज कोटक और पार्टी की महिला मोर्चा की सोशल मीडिया हेड प्रीति गांधी ने भी वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया
इंग्लिश न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ ने सोशल मीडिया पर न्यूज ब्रेकिंग देते हुए बीजेपी नेताओं के आ,रोप की जानकारी दी. हालांकि टाइम्स नाऊ ने पूरे वीडियो के बारे में नहीं बताया.
पड़ताल में हमने क्या पाया
बीजेपी के ट्वीट पर आए कमेंट चेक करने पर हमें वायरल वीडियो का बड़ा हिस्सा मिला. एक यूजर द्वारा शेयर किए गए इस 27 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि ममता बनर्जी अन्य ध,र्मों के श्लो,क भी पढ़ रही हैं.
वीडियो के की-फ्रेम को गूगलपर रिवर्स सर्च करने से हमें पूरा वीडियो मिला. ऑल इंडिया तु,णमूल कांग्रेस के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर वीडियो 2018 में अपलोड किया गया था.
21ः36 मिनट का वीडियो गुजरने पर ममता बनर्जी हिं,दू ध,र्म से जुड़े ,श्लोक पढ़ती हैं. 22 मिनट गुजरने के बाद इ,स्लाम से जुड़ी प्रार्थना, इसके बाद ममता ने इ,साई और सि,ख ध,र्म से जुड़ी प्रा,र्थनाएं भी मंच पर बोलीं. हमें डीडी न्यूज की एक रिपोर्ट भी मिली. जिसके मुताबिक वीडियो माटी उत्सव का है, ये उत्सव बर्धमान जिले के माटी तीर्थ में मनाया जाता है.
(द क्विंट से साभार)