देश में अन्नादाता माने जाने वाले किसान की हालत कितनी खराब है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कर्ज चुकाने के लिए मजबूर होकर एक किसान को अपनी किडनी बेचने का विज्ञापन देना पड़ा.

यूपी के सहारनपुर में राम कुमार नाम के किसान साहूकारों का कर्ज उतारने के लिए बीते कई महीने से बैंक से लोन लेने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हर जगह से उन्हें मदद की जगह निराशा ही हाथ लग रही थी.

महीनों बैंकों का चक्कर काट कर जब वह थक गए तो उन्होंने साहूकारों का कर्ज उतारने के लिए अपनी किडनी बेचने का ऐलान कर दिया और इसके लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन भी दे दिया.

लोगों की असंवेदनशीलता तो देखिए कि मदद करने की बजाए राम कुमार की किडनी खरीदने को तैयार हो गए और 1 करोड़ रुपये तक उसकी बोली लगा दी. मामला जैसे ही सरकारी अधिकारियों तक पहुंचा वो आनन-फानन में राम कुमार के घर पहुंच गए.

और उन्हें मदद का आश्वासन देने लगे. अधिकारियों ने कर्ज नहीं देने वाले बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने का भी राम कुमार को भरोसा दिया.वहीं राम कुमार ने इस विज्ञापन को लेकर बताया कि पीएम कौशल विकास योजना के अंतर्गत डेयरी फॉर्म की तीन बार ट्रेनिंग लेने के बावजूद उसे पशु पालन के लिए किसी बैंक ने लोन नहीं दिया.

लगातार 10 बार लोन के लिए आवेदन देने के बाद भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. जैसे-तैसे रामकुमार ने साहूकारों से 10 लाख रुपये का कर्ज लेकर गांव में दूध की डेयरी खोली थी, लेकिन सिवाय घाटे के उसके हाथ कुछ नहीं लगा.

लगातार नुकसान से वह कर्ज के तले दबते चले गए जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इसकी शिकायत की. चारों ओर से निराश होकर कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए रामकुमार ने अपनी किडनी को नीलाम करने का फैसला लिया.

जब देश में हजारों किसान अच्छी फसल नहीं होने और कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हैं ऐसे में राम कुमार जैसे किसान का किडनी बेचने का ऐलान करना सरकार के उन सभी दावों की पोल खोल देता है जिसमें कहा जाता है कि किसान उनकी पहली प्राथमिकता हैं और उनकी भलाई के लिए सरकार कई कदम उठा रही है और योजनाएं बना रही है.

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