अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को हराकर पांचवी बार खिताब जीता. उपकप्तान शेख रशीद ने इस वर्ल्ड कप की कई यादगार पारी खेली. शेख रशीद ने सेमीफाइनल में 37 रन पर दो विकेट गिरने के बाद 94 रन की पारी खेली थी. इसके बाद फाइनल में 50 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली.

उपकप्तान शेख रशीद ने कप्तान यश के साथ मिलकर टीम को कई मैच जीताए. शेख रशीद ने टूर्नामेंट में 50 की औसत से 201 रन बनाए. टीम इंडिया के उपकप्तान शेख रशीद आंध्र प्रदेश के गुंटूर के रहने वाले हैं. शेख रशीद को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता शेख बलीशा का बहुत बड़ा किरदार रहा.

अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए शेख बलीशा ने कई कुर्बानियां दीं. रशीद को बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कराने के लिए उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़नी पड़ी. अंडर-19 एशिया कप में बलीशा अब बेटे की पारी से बेहत खुश हैं.

बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने छोड़ी जॉब
बलीशा ने बताया कि वे प्राइवेट बैंक में जॉब करते थे. उन्होंने जब देखा कि बेटे को प्रैक्टिस करने में दिक्कत आ रही है तो उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद उन्होने बेटे राशिद के खेल पर फोकस किया. टीम इंडिया के बल्लेबाज रशीद का चयन पहले आंध्र प्रदेश की अंडर-14 टीम और बाद में अंडर-16 टीम में हुआ.

रशीद दोनों वर्गों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए, जिसके बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे और उन्होंने क्रिकेट को त्यागने का मन बना लिया था. एशिया कप में अंडर 19 टीम के उपकप्तान रशीद की मुलाकात 8 साल की उम्र में टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज लक्ष्मण से हुई थी.

शेख रशीद बचपन में गली क्रिकेटर के दौरान कई बार वे इतनी जोर से शॉट मारते थे कि लोगों के घरों दरवाजों और खिड़कियों के कांच टूट जाते थे.