केंद्र ने नागरिकता कानून से संबंधित नियमों को लागू करने के लिए कम से कम 9 जुलाई तक का समय दिया है। कांग्रेस सांसद वीके श्रीकंदन द्वारा लोकसभा सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, या सीएए 10 जनवरी, 2020 से लागू हो गया था, लेकिन इसके नियम तैयार किए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने कहा, अधीनस्थ विधान, लोकसभा और राज्यसभा की समितियों ने क्रमश: नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत इन नियमों को लागू करने के लिए 9 अप्रैल और 9 जुलाई तक का समय दिया है।सांसद श्रीकंदन ने पूछा था, क्या यह एक तथ्य है कि सरकार बहुत जल्द नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लागू करने पर विचार कर रही है और क्या सीएए के तहत नियम अभी भी तैयार किए जा रहे हैं। सरकार ने गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति को यह भी बताया कि उसने पूरे देश के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
CAA बिल के पारित होने से देश भर में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। यह अधिनियम अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है जोकि हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, या अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से ईसाई हैं, और जिन्होंने 2014 में पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत में प्रवेश किया।सीएए का विरोध करने वाले लोग यह कहते हैं कि कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है और संविधान का उल्लंघन करता है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि सीएए और एनआरसी भारत में मुसलमानों को लक्षित करने के लिए हैं।
भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए असम में NRC अभ्यास किया गया था। अगस्त 2019 में प्रकाशित अंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 3.3 करोड़ लोगों ने सूची में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि कोरोना के कारण सरकार ने एनपीआर की जनगणना और अपडेशन के पहले चरण को स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा, COVID-19 के प्रकोप के कारण जनगणना का पहला चरण, NPR का अपडेशन और अन्य संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है।