भारत की टीम ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स टेस्ट (Lords Test) में रिकॉर्ड 151 रन से हरा दिया.

भारत की इस जीत के हीरो बल्लेबाज से ज्यादा तेज गेंदबाज रहे. हालांकि जैसा कि वर्षों से होता आया है, जीत का सेहरा एक बल्लेबाज के माथे पर सजा दिया गया. मैच में 134 रन बनाने वाले केएल राहुल (KL Rahul) को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड दिया गया.

अगर विरोधी टीम के 40% विकेट लेने के बावजूद मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) इस अवॉर्ड के हकदार नहीं माने गए तो सवाल तो उठना लाजिमी है. वह भी तब जब अवॉर्ड उसे दिया गया हो जिसने अपनी टीम की ओर से महज 20% रन ही बनाए हैं. यानी, एक तरह से केएल राहुल का प्रदर्शन सिराज के प्रदर्शन की तुलना में आधा ही ठहरता है.

भारत ने 12 अगस्त को शुरू हुए इस मैच में पहले बैटिंग कर 364 रन बनाए. इंग्लैंड की टीम ने जवाब में 391 रन बनाकर 27 रन की बढ़त हासिल की थी. भारतीय टीम ने दूसरी पारी में भी अच्छा खेल दिखाया. टीम इंडिया ने इस बार 8 विकेट पर 298 रन टांग दिए.

यह इतना मजबूत स्कोर था कि कप्तान विराट कोहली को आगे बैटिंग करने की जरूरत ही नहीं लगी. उन्होंने भारत की पारी सिमटे बिना ही इंग्लैंड को 272 रन का लक्ष्य दिया. जैसा कि अक्सर होता है कि स्कोर कार्ड, मैच की हकीकत बयान नहीं कर पाते. इस मैच में भी ऐसा ही होता नजर आता है.

इसलिए अब टीम की बजाय उन खिलाड़ियों पर फोकस करते हैं, जिनके खेल ने बाजी पलटी या जिन्होंने अपनी टीम की ओर से सबसे अधिक योगदान दिया. भारत की ओर से बल्लेबाज केएल राहुल और इंग्लैंड की ओर से कप्तान जो रूट ने मैच में सबसे अधिक रन बनाए. राहुल ने पहली पारी में 129 और दूसरी पारी में 5, यानी कुल 134 रन बनाए.

वहीं रूट इंग्लैंड की ओर से दोनों पारियों में टॉप स्कोरर रहे. वे पहली पारी में 180 रन बनाकर नाबाद रहे और दूसरी पारी में 33 रन बनाए. यानी अपनी टीम को रूट का कुल योगदान 213 रन का रहा. क्रिकेट को चाहने वाले जानते हैं कि टेस्ट मैचों में एक शतक को उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है जितना कि चार विकेट लेने को मना जाता है.

इस लिहाज से मोहम्मद सिराज का प्रदर्शन दोनों पारियों में शतक लेने जैसा था. ऐसे में अगर केएल की जगह सिराज को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना जाता तो बेहतर होता.