मु’सलमा’नों का सबसे प’वित्र महीना र’मजान शुरू होने वाला है. इस महीने में सभी मु’स्लिम लोग सारा दिन भूखे-प्यासे रह कर अपने र’ब के लिए रो’ज़ा रखते हैं. रो’जे़ की हालत में कुछ भी खाने-पीने की इ’जा’ज़’त नहीं होती, भले ही वो पानी या दवा ही क्यों न हो.
अब ऐसे में कुछ लोगों को संदेह है कि क्या रो’ज़े की हालत में को’रो’ना वै’क्सी’न की डो’ज़ ले सकते हैं? को’रो’ना वै’क्सी’न की डो’ज़ लेने के रोज़ा तो नहीं टूटेगा? आपके इन सभी सवालों के जवाब आज हम देने जा रहे हैं. रोजे़ की हालत में को’रो’ना वै’क्सी’न को लेकर सऊदी अरब के सबसे बड़े मु’फ्ती का ब’या’न आया है.
एक खबर के मुताबिक सऊदी अरब के सबसे बड़े मु’फ्ती शेख़ अब्दुलअज़ीज़ अल-शेख़ ने कहा है कि रो’जे़ की हालत में को’रो’ना वै’क्सी’न लगवाने से रो’ज़ा नहीं टूटेगा. शेख़ अब्दुलअज़ीज़ अल-शेख़ ने द’ली’ल दी है कि को’रो’ना वै’क्सी’न कोई खाने या पीने की चीज नहीं है. यह सीधे मां’स’पे’शि’यों में दा’खि’ल होती है. इसलिए वै’क्सी’न लगवाने से रो’ज़ा नहीं टूटेगा.
कब शुरू होगा र’मज़ान
र’मज़ान के महीने का आगाज़ 12 या 13 अप्रैल को होगा. इसका फै’स’ला चांद देखने के बाद किया जाता है. र’मज़ान का चांद नज़र आने के बाद सभी मु’स्लिम इस महीने में और दिनों के मु’का’बले ज्यादा इ’बा’द’त करते हैं. कहा जाता है कि इस महीने में इ’बा’द’त करने से ज्यादा सवाब हासिल होता है.
क्या होता है र’म’जा’न
दरअसल र’म’जा’न एक इ’स्ला’मी महीने का नाम है यह इ’स्ला’मी कैलेंडर के हिसाब से 9वां महीना होता है. “र’मजान” भी अरबी भाषा का एक शब्द है. जिसका मतलब है “झु’लसा देने वाला”. इ’स्ला’म में यह महीना सबसे प’वि’त्र माना जाता है. कहा जाता है कि इस महीने में इ’बा’दत करने से अन्य दिनों के मुकाबले 70 गुना ज्यादा स’वा’ब मिलता है.