अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार अर्दोआन ने इसराइल के ख़ि’ला’फ़ स’ख़्त रुख़ अपनाते हुए कहा है कि अगर पूरी दुनिया भी ख़ामोश हो जाए तो भी तुर्की अपनी आवाज़ उठाता रहेगा.

अख़बार के अनुसार अर्दोआन अपनी पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा रहे थे, “बै’तु’ल मो’क़’द्द’स (म’स्जि’द-ए-अ’क़्सा) मु’स’ल’मा’नों के साथ-साथ इ’सा’इ’यों और य’हू’दि’यों के लिए भी पवित्र स्थल है, जहां इसराइल नामी द’ह’श’त’ग’र्द रि’या’स’त ने अ’मा’न’वी’य’ता की तमाम ह’दें पार कर ली हैं. इ’स’राइली ह’म’ले पर मैंने कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं से बात की है और सबने मेरे स्टैंड का समर्थन किया है लेकिन अगर फ़लस्तीन में इसराइली ज़ु’ल्म के ख़ि’ला’फ़ पूरी दुनिया ख़ामोश भी हो जाए तब भी हम उसके ज़ु’ल्म के ख़ि’ला’फ़ आवाज़ उठाते रहेंगे.”

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अख़बार के अनुसार अर्दोआन ने कहा कि, “मैंने सीरियाई सीमा के निकट जिस तरह द’ह’श’त’ग’र्दों का रास्ता रोका, उसी तरह म’स्जि’द-ए-अक़्सा की जानिब बढ़ते हुए हाथों को भी तोड़ देंगे.

उन्होंने कहा कि इसराइल के कथित ज़ु’ल्म के ख़ि’ला’फ़ आवाज़ उठाना हर इंसान का फ़’र्ज़ है. अर्दोआन ने कहा कि वो पूरे अंतरराष्ट्रीय जगत से अपील करते हैं कि वो इसराइल के ख़ि’ला’फ़ एकजुट हो जाएं.

इमरान-सऊदी क्रा’उ’न प्रिं’स बातचीत
इमरान ख़ान और सऊदी क्रा’उ’न प्रिं’स मो’ह’म्म’द बिन सलमान के बीच भी फ़ोन पर बातचीत हुई. अख़बार के मुताबिक़ इमरान ख़ान ने सऊदी क्रा’उ’न प्रिं’स का उनकी मेहमाननवाज़ी करने के लिए शुक्रिया अदा किया.

इमरान ख़ान और सऊदी क्रा’उ’न प्रिं’स
इमरान ख़ान पिछले हफ़्ते तीन दिनों के लिए सऊदी अरब के दौरे पर गए थे. अख़बार के अनुसार शुक्रिया अदा करने के अलावा दोनों नेताओं के बीच इसराइली ह’म’ले को लेकर भी बातचीत हुई.

उधर पाकिस्तान के केंद्रीय गृहमंत्री शेख़ रशीद अहमद ने कहा है कि सऊदी अरब ने ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इ’स्ला’मि’क को ऑपरेशन यानी ओआईसी की रविवार को जो आ’पा’त’का’ली’न बैठक बुलाई है उसमें इसराइली ह’म’ले पर बहुत अहम फ़ैसला होगा.

इमरान ख़ान और सऊदी क्राउन प्रिंस

इसराइल और हमास के बीच होने वाले ख़ू’नी सं’घ’र्ष पर संयुक्त राष्ट्र सु’र’क्षा परिषद की बैठक रविवार को होगी. अखब़ार जं’ग के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में ची’न के राजदूत ने कहा है कि सं’यु’क्त रा’ष्ट्र को अब क़दम उठाना चाहिए और उसे स’ख़्त संदेश देना चाहिए.

अख़बार के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि मध्य-पूर्व संकट पर खुली ब’ह’स होनी चाहिए जिससे उसके रा’ज’न’यि’क हल का मौक़ा मिलेगा.