सु,प्रीम को,र्ट के फैसले के बाद मु,स्लिम स,माज को अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन को लेकर गण,तंत्र दिवस के मौके पर म,स्जिद की नीं’व रखी जाने के साथ ही सि,यासत तेज हो गई है. ऑल इंडिया म,जलिस-ए-इ,त्तेहादुल मु,स्लिमी,न के मु,खिया और हैदराबाद से सां,सद असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बनने वाली म,स्जिद के लिए चं,दा देना और वहां पर न,माज पढ़ना ह,राम बताया है.
ओवैसी के इस बयान पर म,स्जिद के लिए बने ट्र,स्ट इंडो इ,स्ला,मिक क,ल्चरल फाउं,डेशन के सचिव अतहर हु,सैन ने अपनी नाराजगी जा,हिर की है तो मु,स्लिम उले,माओं ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी मु,फ्ती बनने की कोशिश न करें. वो राज,नीति और सं,विधान के जानकार हो सकते हैं, पर इ,स्लामी श,रियत के जानकार नहीं हैं. ऐसे में श,रियत के मामले में ज्यादा द,खलअंदाजी न करें.
ओवैसी ने अयोध्या म,स्जिद पर दिया ब,यान
कर्नाटक के बीदर इलाके में ‘से,व कॉ,न्स्टि,ट्यूशन से,व इंडिया के कार्यक्रम’ को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली म,स्जिद इ,स्लाम के सि,द्धांतों के खि,लाफ है. ओवैसी ने आगे कहा कि मु,नाफिको की ज,मात जो बा,बरी म,स्जिद के बदले पांच एकड़ जमीन पर म,स्जिद बनवा रहे हैं, वो म,स्जिद नहीं बल्कि ‘म,स्जिद-ए-जी,रार’ है. इसीलिए उसे म,स्जिद नहीं कहा जा सकता है. ऐसे में अयोध्या में बनने वाली इस म,स्जिद ले लिए चं,दा देना और वहां पर न,माज पढ़ना ह,राम है. अगर चं,दा ही देना है तो बी,दर में किसी अ,नाथ को चं,दा दे दें.
व,क्फ के नियम के खि,लाफ
अयोध्या में बनने वाली म,स्जिद को लेकर इ,स्ला,मिक मामलों के जानकार मौ,लाना हामिद नोमानी कहते हैं कि असदुद्दीन ओवैसी सं,विधान और रा,जनीति के बड़े जानकार हो सकते हैं, लेकिन न तो वो उ,लेमा हैं, न ही मु,फ्ती हैं और न ही इ,स्लामिक शरी,यत के जानकार हैं. वो एक नेता हैं तो हमेशा अपने सि,यासी फायदा के नजरिए से ही बयान देते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने बयान दिया है, लेकिन साथ ही यह भी है कि ‘व,क्फ अ,धिनियम के तहत म,स्जिद या म.स्जिद की जमीन किसी दूसरी चीज के बदले में नहीं ली जा सकती. ऐसे में अयोध्या में बनने वाली म,स्जिद व,क्फ का,नून के खि,लाफ है. ऐसे में ट्र,स्ट को पहले साफ करना चाहिए कि उन्होंने म,स्जिद की जमीन किस रूप में स्वीकार किया है, उसी के बाद बाकी चीजें तय होती हैं.
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