टोक्यों में खेले गए ओलंपिक खेलों का रविवार को समापन हो गया.

14 दिन तक चले खेलों के इस महाकुम्भ में चीन, अमेरीका और रूस के खिलाड़ियों का जलवा रहा. लेकिन समापन से एक दिन पहले नीदरलैंड की प्रवासी धावक सिफ़ान हसन ने 1000 किमी रेस में स्वर्ण पदक जीतकर सबको ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.

सिफ़ान हसन ओलंपिक के इतिहास की ऐसी पहली एथलीट हैं जिन्होने ने 1500, 5000 और 10000 मीटर दौड़ में एक साथ पदक जीते हैं. सिफ़ान ने टोक्यों ओलंपिक में 2 स्वर्ण पदक और कांस्य पदक सहित कुल 3 पदक जीते.

शनिवार को सिफान ने दस हज़ार मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने तीनों दौड़ में पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. जब तीसरी बार टोक्यो ओलंपिक में वो शनिवार को मेडल पोडियम पर खड़ी हुईं तो उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे. उन्होंने 1500 मीटर दौड़ का कांस्य पदक जीता है जबकि दस हज़ार मीटर और पाँच हज़ार मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक जीता.

सिफ़ान के पास 1500 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीतने का मौका था, लेकिन वह जब दौड़ में अंतिम लैप के दौरान जब धावक तेज़ी से पोजिशन लेने की कोशिश कर रहीं थी तब हसन ने कीनिया की धावक से आगे निकलने की कोशिश की लेकिन इस दौरान वो उनके सामने लड़खड़ा गईं. हसन उनसे टकराकर गिर पड़ीं. तब लगा था कि वह शायद ही पदक जीत पाएं. लेकिन वह उठी और उन्होने कांस्य पदक जीता.

मूल रूप से इथियोपिया की रहने वाली हसन एक प्रवासी हैं और नीदरलैंड्स में रहती हैं. जब वह 13 साल कीं थी तब उन्होने अपना देश छोड़ दिया था. हसन पिछले 6 सालों में अलग अलग प्रतियोगिताओं में 11 स्वर्ण पदक समेत 18 पदक अपने नाम कर चुकी हैं.