आजकल लोगों को एक-दूसरे को छूने और किसी वस्तु को छूने से करंट लगने की खबरें सामने आ रही हैं। पहले-पहल लोग अपने घर में ही चर्चा कर रहे थे लेकिन जैसे ही इस बाबत सोशल मीडिया में चर्चा शुरू हुई तो सैंकड़ों लोग अपने आप को करंट लगने की पुष्टि करने लगे। गोल्डन सिटी के रहने वाले आशीश शाही ने बताया कि 2-3 दिनों से जब भी वह अपनी कार को छूते हैं तो उन्हें अजीब-सा करंट लगता है। गोल्डन ग्रेन क्लब के चेयरमैन विनोद वशिष्ट, तरुन जैन, दविन्द्र गोयल, एडवोकेट नवीन शर्मा और बहुत से लोगों ने करंट लगने की पुष्टि की है। डा. अशोक बत्ता ने भी लोगों को करंट लगने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस बाबत कुछ नहीं कहा जा सकता कि ऐसा क्यों हो रहा है।
मौसम के बदलने से ऐसा हो सकता है : प्रो. गगन सेठी
ए.एस. कालेज के प्रोफैसर गगन सेठी ने बताया कि जब सर्दी खत्म होने के बाद ग’र्मी का मौसम शुरू होता है तो कुछ लोगों को प्लास्टिक की वस्तुएं जैसे चेयर आदि से करंट लगता है लेकिन इस वर्ष लोगों को भिन्न-भिन्न वस्तुओं से और एक-दूसरे को छूने से भी करंट लगने की शि’का’यतें आई हैं।इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि लॉकडाऊन के दौरान फैक्टरियां और वाहन न चलने से प्र’दू’षण मुक्त वातावरण बना था जिससे पहली बार एक अलग वातावरण बन जाने से ऐसी घटनाएं बढऩे से करंट लगने की घ’ट’नाएं बढ़ जाने को इससे जोड़ा जा सकता है लेकिन इस बाबत पुष्टि एक वै’ज्ञा’निक शोध से ही सामने आएगी। सेठी ने बताया कि ऐसी घ’ट’नाएं केवल खन्ना में ही नहीं हो रहीं बल्कि सोशल मीडिया पर अन्य शहर के लोगों ने भी करंट लगने की पुष्टि की है।