बीबीसी न्यूज़ की और से पै,गंबर ए इ,स्लाम ह,जरत मु,हम्मद की शा,न में की गई गु,स्ताखी के सबंध में र,ज़ा एकेडमी के अधीन ग,ठित त,हफ़्फ़ुज़ के ना,मूस ए रि,सालत बोर्ड की शुक्रवार को सोनपुर में एक अहम बै,ठक हुई। बै,ठक को संबोधित करते हुए अ,ल्हाज सईद नूरी ने कहा कि बीबीसी हिंदी न्यूज़ सर्विस ने देश और दुनिया भर के मु,स्लिमों की भा,वनाओं को आ,हत करते हुए पै,गंबर का क,थित चित्र प्रकाशित किया है। बीबीसी के इस ना,पाक कृ,त्य से मु,स्लिम स,मुदाय के लोगों में भारी गु,स्सा है।”

Image result for बीबीसी हुजूर की शानर,ज़ा एकेडमी प्र,मुख नू,री सा,हब ने कहा कि बीबीसी को त,त्काल इस चित्र को अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया से तुरंत ह,टाया जाना चाहिए। उन्होंने बीबीसी सर्विस को चे,तावनी देते हुए कहा कि अगर इस चित्र को वापस नही लिया गया और भारत सहि,त दुनिया के किसी भी हिस्सें में कहीं कोई घ,टना या हा,दसा पेश आता है तो इसके लिए बीबीसी की जि,म्मेदारी होगी।

Image result for बीबीसी हुजूर की शानउन्होंने उपस्थित उ,लेमाओं को सं,बोधित करते हुए कहा कि एक बड़ी सा,जिश के त,हत मु,सलमानों को नि,शाना बनाया जा रहा है। उनके ज,ज़्बात को भ,ड़काने के लिए हु,जूर की शा,न में एक के बाद एक गु,स्ताखी की जा रही है। ये सिलसिला लगातार जारी है इस पर रोक लगाने के लिए मु,स्लिमों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा, मु,सलमानों के लिए अ,जमत ए मु,स्तफा से बढक़र कुछ भी नहीं है। एक मु,सलमान सब कुछ ब,र्दाश्त कर सकता है लेकिन शा,न के रि,सालत में गु,स्ताखी नहीं।”

वहीं मौ,लाना जफरुद्दीन ने कहा कि मु,सलमान और उ,लेमा ए अ,हले सु,न्नत त,हफ़्फ़ुज़ ए ना,मूस ए रि,सालत बोर्ड से जुड़ जाए और अपनी का,बिलियत के अनुसार खि,दमत अं,जाम दे। उन्होंने कहा कि मु,सलमानों को इस ना,जुक म,सले पर बे,दार होना ही होगा।

(साभार)

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