यूं तो पूरे विश्व में सुपर पावर माना जाने वाला अमेरिका यानि USA दुनिया के सभी देशों को अपने हिसाब से चलाना चाहता है ताकि उसके हितों को कोई नुकसान न पहुंचे। खास बात यह भी है ऐसा करने में अमेरिका काफी सफल भी रहता। एक देश को व्यातपारिक या सैनिक सहायता देकर दूसरे पर कूटनीतिक दबाव बनाकर वो अपने मंसूबों में कामयाब हो ही जाता है। इंडिया से लेकर यूरोप के कई देश और साउथ कोरिया तक सभी अमेरिका का सहयोग लेकर उसके पाले में आ जाते हैं और अमेरिका इन सब पर अपनी धा’क जमाए रहता है। फिर भी दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां के शासकों और जनता को अमेरिका से काफी चिढ़ है और उन्हें अमेरिका फूटी आंख नहीं सुहाता। इस कारण ये देश न तो अमेरिका का कहा मानते है और न ही उसका सहयोग करते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो दुनिया के ये 5 देश अमेरिका की आंख की किरकिरी बने हुए हैं, फिर भी यहां उसकी मनमानी नहीं चल पाती। देखें ये कौन से देश हैं जो ताकतवर अमेरिका से बिल्कुल भी नहीं डरते।
जॉर्डन और यहां का शाही खानदान जो अब किंग अब्दुल्ला II के आधीन है, अमेरिका के साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं करता। सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन इजराइल के खिलाफ अमेरिका की तमाम मुहिम के चलते पड़ोसी जॉर्डन को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है। यही कारण है कि किंग अब्दुल्ला और यहां की जनता अमेरिका और वहां की नीतियों को अपने खिलाफ ही समझती हैं।
ईरान भी उन देशों में शामिल है जो अमेरिका की कोई बात नहीं मानता। यहां के सख्त प्रेसीडेंट हसन रूहानी ने अमेरिकी दबाव के बावजूद US के साथ परमाणु डील साइन नहीं की और लगातार इसका विरोध करता रहा।
लेबनान में मुस्लिम और क्रिश्चियन मिक्स आबादी रहती है, यहां के प्राइम मिनिस्टर हैं तमाम सलम। इस देश ने अमेरिका के साथ कभी भी मजबूत रिश्ते नहीं बनाए। बीच बीच में कई बार अमेरिका ने लेबनान के हित में कई नीतियां लागू करने की कोशिश भी की, लेकिन देश की जनता और यहां के पीएम ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया।
तजाकिस्तान पूर्व सोवियत यूनियन का देश रहा है। यूनियन खत्म होने के बाद देश के आर्थिक हालात काफी खराब हो गए, ऐसे में रूस का समर्थन करने के अलावा तजाकिस्तान के पास कोई चारा नहीं था। तजाकिस्तान के प्रेसिडेंट इमोमिली रहमान हैं जिन्हें अमेरिका के साथ रिश्ते रखने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। इसी वजह से तजाकिस्तान कभी अमेरिका की परवाह नहीं करता।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्देोगन हैं। रजब और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कई मामलों के लेकर तनातनी रही है. रजब 2023 में तुर्की को इस्लामिक राष्ट्र घोषित करना चाहते हैं. वह अमेरीका लेकर काफी सख्त हैं.