ईद उल-फितर इ,स्लामी कैलेण्डर के महीने श,व्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है।
इस त्योहार को सभी लोग आपस में मिल जुलकर मनाते है और खुदा से अमन-चैन और सुख-शांति और बरकत के लिए दु,आएं मांगते हैं। पूरे विश्वभर में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है।
तो आइए जानते हैं भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार ईद क्यों मनाई जाती है और इस त्योहार की शुरुआत कैसे हुई। र,म,जा,न का महीना इ,स्ला,मिक कैलेंडर में नवां और सबसे पवित्र महीना माना गया है। इस दौरान अ,ल्ला,ह की इ,बा,द,त करते हैं और रो,जा रखते हैं। दसवें महीने श,व्वा,ल की पहली चांद वाली रात ईद की रात होती है।
इस चांद को देखे जाने के बाद ही ईद-उल-फितर का ऐलान किया जाता है। इस ईद को मीठी ईद या फिर सेवाइयों वाली ईद भी कहते हैं| कु,रान के मुताबिक र,मजान के महीने में रो,जे रखने के बाद अ,ल्लाह एक दिन अपने बंदों को ब,ख्शीश और इ,ना,म देता है। इसीलिए इस दिन को ईद कहते हैं और ब,ख्शी,श और इनाम के इस दिन को ईद-उल-फितर कहा जाता है।
मु,सलमान ईद में खु,दा का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीनेभर के उपवास रखने की ताकत दी। ईद पर एक खास रकम (ज,का,त) गरीबों और जरूरतमंदों के लिए निकाल दी जाती है। नमाज के बाद परिवार में सभी लोगों का फि,त,रा दिया जाता है जिसमें 2 किलो ऐसी चीज दी जाती है जो प्रतिदिन खाने की हो।
पहली ईद उल-फितर पै,गं,बर मु,ह,म्मद ने सन् 624 ईस्वी में जं,ग-ए-ब,द,र के बाद मनाया थी। पै,गं,बर ह,ज,रत मो,हम्म,द ने ब,द्र के यु,द्ध में वि,ज,य प्राप्त की थी। उनके वि,ज,यी होने की खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। ईद के दिन म,स्जिदों में सुबह की न,मा,ज अदा करने से पहले हर मुसलमान का फर्ज है कि वो दान या भिक्षा दे।