वैसे तो दुनिया के सारे ध’र्म अच्छे हैं क्योंकि ये हमें इंसानियत ही सिखलाते हैं कोई भी ध’र्म यह नहीं कहता कि दूसरे ध’र्मों के लोगों से घृ,णा करो। पर आज आप यहां दुनिया में होने वाले तीन ऐसे बड़े घ’ट’ना’ओं के बारे में जानेंगे जिनसे कि यह संकेत मिलता है कि इ’स्ला’म ध’र्म सच्चा है।
(1) पवित्र कु’रान में फि’रौन का मतलब
सन् 1898 में लाल समुद्र के किनारे एक मनुष्य का मृ,त शरीर मिला। यह शरीर किसका है इस बात का पता लगाने के लिए सन् 1981 में इसे फ्रांस लाया गया। फ्रांस के सबसे प्रसिद्ध और जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर मोरिस ने इस पर रिसर्च करना शुरू किया। जिससे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इसकी मौ,त हजारों साल पहले समुद्र में डूबने से हुई थी। डॉक्टर मोरिस को यह बात बड़ी ही आ,श्चर्यचकित कर रही थी कि इतने सालों तक समुद्र में रहने के बावजूद यह शरीर स,ड़-ग,ल कर नष्ट क्यों नहीं हुआ।
फिर इन्हें अपने एक सहकर्मी से यह बात पता चली कि मुस्लिम लोग बिना शोध किए ही यह बात कह रहे हैं कि यह व्यक्ति समुद्र में डूबने के कारण म,रा था और इसका नाम फिरौन है जिसने अ,ल्लाह के नबी ह,जरत मू,सा अलै,हि स,लाम और उनके साथियों को मा,रना चाहा था। पवित्र कु,रान में फिरौन के समुद्र में डू,ब कर म,रने और उसके मृ,त्य शरीर के सुरक्षित रहने की बात लिखी हुई है।
डॉ मोरिस को यह जानकर बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि इस शरीर के हजारों साल पुराने होने का पता तो उन्होंने अभी लगाया है। तो फिर यह बात कुरान शरीफ में 1400 साल पहले से ही कैसे लिखी हुई है फिर वे सऊदी अरब गएं। वहां उन्होंने कु,रान की आ,यतों को पढ़ा और समझा आखिरकार उन्हें कु,रान की स,त्यता पर विश्वास हो गया और उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया।
(2) हिंद महासागर से उठने वाला सुनामी
26 दिसंबर 2004 में हिंद महासागर में 9.1 की ती,व्रता वाला जो,रदार भू,कंप आया था। इससे उठने वाली ज़ो,रदार सु,नामी का असर भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका और थाईलैंड तक दिखाई दी थी। इस सुनामी में कई शहर तबाह हो गए थे पर आप को यह जानकर बड़ा ही आश्चर्य होगा कि सु,नामी का असर कुछ म,स्जिदों पर बिल्कुल भी नहीं दिखाई दिया। इनमें से कुछ मस्जिदें ऐसी भी थी जो समुद्र के किनारे बनी हुई थी पर फिर भी सु,नामी इनका कुछ भी नहीं बि,गाड़ पाई जबकि इन म,स्जिदों के आसपास बनी सारी बिल्डिंग और घर टूट गए थे।
(3) इन दो महासागरों का पानी आपस में क्यों नही मिक्स होता
पवित्र कुरान में अ,ल्लाह फरमाते हैं कि उन्होंने दो महासागरों को आपस में मिलने की आजादी दी है। पर दोनों के बीच एक प्रतिबंध लगाया है जिसे ये कभी तोड़ नहीं सकते। कई वैज्ञानिक और शोधक,र्ताओं ने यह पता लगाया है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन दोनों महासागरों के पानी का घ,नत्व अलग है और 1400 साल पहले ही पवित्र कु,रान में इस बात का जिक्र होना किसी अ,जूबे से कम नहीं। इसी कारण अब तक कई वैज्ञानिक इ,स्लाम धर्म अपना चुके हैं।