घर की दहलीज ने हर बार उसका रास्ता रोकने की कोशिश की. बचपन से लेकर आज तक लोगों ने उसे यही अहसास कराया कि तुम लड़की हो इसलिए बाहरी दुनिया तुम्हारे लिए नहीं. पर उसकी जिद और कुछ अलग करने के जुनून को मां-बाप का साथ मिला, तो उसने जापान में आयोजित पॉवर लिफ्टिंग की बैंच प्रेस वर्ल्ड चौंपियनशिप में गोल्ड मेडल ही नहीं जीता, बल्कि 32 देशों के सैकड़ों खिलाड़ियों में से टॉप-5 में भी जगह बनाई.
हम बात कर रहे हैं मथुरा में वृंदावन के छोटे से गांव नीम गांव की रहने वाली इकरा खान की, जिसने छोटे से गांव में कम संसांधनों के बाद भी एक के बाद एक मेडल हासिल कर साबित कर दिया कि अगर आपमें जीतने का जुनून है, तो रीति-रिवाज आपकी कामयाबी के बीच रोड़ा नहीं बनते.
इकरा खान ने बताया कि एक दिन अपनी कजिन के साथ जिम में गई. वहां पर लोग भारी वजन उठा रहे थे. मैंने भी इच्छा जाहिर की तो मेरे दुबले-पतले वदन को देखकर सीनियर लोगों ने कहा कि रहने दो बेटा तुम अभी दस किलो वजन भी नहीं उठा पाओगी. तुम्हारे लग जाएगी.
बस! उसी समय मैंने ठान लिया था कि मुझे अब पॉवर लिफ्टिंग ही करनी और एक दिन सभी को दिखाऊंगी. मैंने उसी समय 50 किलो वजन उठा लिया था. इसके बाद मैंने घर पर आकर अब्बू-अम्मी को बात बताई. पहले तो उन्होंने मना किया, लेकिन बाद में मेरी जिद के आगे वो मान गए.
गांव के लोग मारते थे ताना
नीमगांव वृंदावन का बहुत ही पिछड़ा हुआ गांव हैं. वहां पर पॉवर लिफ्टिंग तो छोड़िए, लड़कियां स्कूल तक भी बहुत कम जा पाती हैं. ऐसे में एक लड़की वो भी मुस्लिम लड़की के लिए ये काम करना कितना कठिन होगा.
इकरा ने बताया कि गांव के लोग अब्बू से कहते थे कि इतना पैसा इस पर खर्च कर रहे हो, बेटे को पर खर्च क्यों नहीं करते. ये तो एक दिन शादी होकर अपनी ससुराल चली जाएगी. तेरे हाथ में क्या बचेगा. अगर तुझे कुछ कराना ही है, तो उसे टीचर बना दे, लेकिन अब्बू ने गांव वालों के ताने सुनने के बाद भी मुझसे कुछ नहीं कहा.
अम्मी और अब्बू ने मेरा बहुत साथ दिया. अम्मी तो अब ये तक कहती हैं कि तूझे किसी चीज की परवाह नहीं करनी है. अपने खेल पर ध्यान दो.
मेडल मिले तो सभी ने लगाया गले
इकरा ने बताया कि पहले तो लोगों ने खूब मजाक और विरोध किया, लेकिन जब मेडल मिलना शुरू हुए, तो गांव ही नहीं पूरे जिले के लोगों ने तारीफ करना शुरू कर दिया. अब तो लोग कहते हैं कि बेटी तैयारी करो.
जिम में जमकर बहाती हैं पसीना
इकरा ने बताया कि वो सुबह शाम घंटों जिम में जाकर पसीना बहाती है. वह शाम को नीमगांव की सड़कों पर जमकर दौड़ भी लगाती हैं.
ताने मारने वालों के मुंह बंद हो जाएं
मां शबीना बेगम ने कहा कि मुझे आनी बेटी पर गर्व है. मैं अल्लाह से दुआ करती हंू कि मेरी बेटी को इतनी कामयाबी दे कि जो लोग मुझे ताने मारते थे उनके मुंह बंद हो जाएं. मैंने अपन बेटी के लिए क्या-क्या सुना. गांव और खानदान के लोग पूरी तरह से इसके विरोध में थे लेकिन मैंने उसकी लगन और जिद को देखते हुए इस गेम में भेजा.
अब तक जीते 19 मेडल
जापान में आयोजित हुई चौंपियनशिप में टॉप-5 में जगह बनाई और गोल्ड मेडल जीता. हाल ही में हुई स्टेट चौंपियनशि में गोल्ड मेडल हासिल किया.